कमला हैरिस की मां भारत के दक्षिण भारत सिद्धि चेन्नई से 19 साल की उम्र में अमेरिका पढ़ने गई थी और कैंसर में अपना रिसर्च कर पीएचडी किया उसके बाद जमाई का के रहने वाले एक पुरुष को वह सिविल राइट मूवमेंट के दौरान मिली और उसके बाद दो बेटियां पैदा हुई कमला माया कमला बड़ी थी और जब वह 7 साल की थी तब उनकी मां और पिता अलग अलग हो गए थे उनके पिता आज भी अमेरिका में प्रोफेसर है|
कमला एक सिंगल मां के द्वारा पाली पूछी गई है और उसकी मां ने उन्हें सिखाया की जिंदगी में हमेशा खुशियों के लिए तैयार रहो कोई तुम्हारे लिए मदद के लिए नहीं आएगा और जब तुम्हें लगता है कि कुछ गलत है तो उसे ठीक करने की कोशिश करो यह इंतजार मत करो कि कोई और करेगा तुम खुद उसको ठीक करो\ कमला की मां ने कमला को एक अमेरिकी अश्वेत महिला की तरह पाला और एक काली महिला होने का और उसके ऊपर गर्व करने का पूरा एहसास कराया कमला का जीवन बहुत साधारण और न्यूयॉर्क अपने एरिया में बीता जहां पर काले बच्चे और काली जनसंख्या रहती है ब्लॉक इज ब्यूटीफुल यह कमला के व्यक्तित्व में पूरी तरह नजर आता है कमला हैरिस अपने आप में अपने मुद्दों पर खड़ी होने वाली एक मजबूत महिला है और जब वह कैलिफ़ोर्निया की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी थी तब उन्होंने मौत की सजा का विरोध किया था और तब वह अपने इस निर्णय पर अकेली पड़ गई थी लोगों ने यहां तक कहा था कि यह अपराधियों का साथ दे रही है लेकिन उनको जब लगा कि मौत की सजा जीवन को सुधार नहीं सकती और उन्होंने एक अपराधी जिस ने हत्या कर दी थी और पुलिस के व्यक्ति की मौत की थी उसको इन्होंने बहुत कड़ी सजा नहीं दी और इसका इनको काफी विरोध झेलना पड़ा|
अमेरिका का जो शिक्षा का सिस्टम है इसमें की सभी को शिक्षा मिल जाती है और यही कारण है कि जब छोटी थी और सिविल राइट मूवमेंट में बहुत सारे लोगों को नारे लगाते हुए एक साथ चलते हुए देखती थी वह बचपन की यादें इतनी गहरी हो गई और उनको लगा कि जो भी लोग वहां पर लड़ रहे थे बोल रहे थे वह सब वकील थे और यही कारण था कि उन्होंने वकालत का पेशा अपनाया और यही कारण है कि वह आज अमेरिका के सबसे पावरफुल दूसरे नंबर की पद पर पहुंची कमला हैरिस भारत के लिए गर्व का मौका है क्योंकि उनकी मां की जो तस्वीरें इंटरनेट पर देखी गई वह किसी भी भारतीय महिला की आत्मा की आवाज है और कोई भी महिला क्योंकि बहुत मध्यम या निम्न मध्यम परिवार से आती है कमला की मां से अपना संबंध जोड़ सकती है एक महिला होने के नाते मुझे अपना बचपन और अपना दुख कमला में नजर आया और साथ में एक उम्मीद भी कि मैं भी बहुत आगे बढ़ सकती हूं इसी देश में किसी भी परिस्थिति के बावजूद ऊपर उठ सकती हूं|