आप को जीवन मे अक्र्सर एसे लोग मिल जाएँगे जो बहुत जल्दी कामयाब होते दिखेंगे। जल्दी नॉकरी लेली, फिर किसी को फास लिया शादी करली फिर राजनीति में भी आगे बढ़ते है।फिर आप देखते है कि पांच साल बाद कोर्ट के चक्कर काट रहै है । शाद भी टूट गयी बच्चे अलग होगए। और किसी तरह अपना जीवन चला रहे है । एक बात साफ है क्या इनलोगो को जो जीवन मे बहुत जल्दी तरक्की कर गए। बहुत फटा फट नॉकरी पाली जूठ बेईमानी धोखे से सब पा लिया क्याआप इनको अपने बच्चो का आदर्श बनाएंगे। नही कभी नही कुछ सवाल
1 क्या हम को धोखे बाज़ जीवन साथी चाहिए क्या किसी आदमी ने अपने पत्नी बच्चो को छोड़ा है और जिस औरत से दूसरी शादी की क्या वो दूसरी पत्नी चाहती है क्या उसके साथ भी वही हो? नही बेचारी जीवन भर इसी डर में रहेगी कि कही ये मुझे भी धोखा न देदे। चार्ल्स डिकिन्स ने एक जवान महिला के लिए 22 साल की शादी तोड़ी ओर दूसरी भी उसकव छोड़ कर चली गयी
2 क्या बार बार पार्टी बदलने वाले नेता पर उस पार्टी के वफादार लोग विश्वास करते है? किसी पार्टी में बताए उन लोगो को जो बार बार पाला बढलते रहे है। हा जनता पांच साल में सब भूल जाती है पार्टी के निर्णायक जीवन भर कुछ नही भूलते।
3 क्या जो आदमी व्यापार में धोखा करता है उसके साथ कितने लोग व्यापार करते है? जिसने लोगो से धोखा किया क्या उसका पार्टनर उस से डरता नही । बिलकुल डरता है तब ही तो टाटा ने सिर्फ अपनी साख बनाने के लिए डोकोमो की कम्पनी को करोड़ो अरबो रुपये दिए और साइरस मिस्त्री को कम्पनी से निकाला क्यो की मिस्त्री ने मूल्यों की जगह मुनाफा चुना। टाटा तब ही विश्वास का नाम है।
4 क्या हम अपने आसपास धोखा देने वाले लोगो के साथ रहने से सुरक्षित महसूस करते है? नही जो चालक है फ्रॉड है वो कभी लम्बी रेस के घोड़े नही होते टट्टटू होते है कभी कभार कुछ कर जाते है।जीत उसकी आदत नही होती।
5 क्या जो ईमानदार , परिश्रमि, सच्चा, ओर मूल्यों पर नही चलता वो लोग कितने कामयाब होते है? हाँ होते है पर वैसे ही खत्म भी होजाते है।
सवाल ओर भी बहुत है ऊपर पूछे गए सारेसवालों के जवाब ना है ना। बिल्कुल ना । फिर जो लोग सोचते है कि हम ने इस मौके का फायदा उठा लिया उसको धोखा दे दिया इसको बेवकूफ बना दिया यहां हम बच कर निकल गए कुछ हद तक ठीक है परन्तु हमेशा के लिए नही। ज़माना चाहे इंटेरनेट की क्रांति का हो या टेक्क्नॉलोगी के भरपूर बदलाव का मानव मूल्यों में कोई बदलाव नही है । वो आज भी वही है। मूल्य हमेशा अनवरत है । जीवन की धारा है । चीन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। चीन के काम करने के हुनर का जवाब नही, उत्पाद का हिसाब नही व्यवस्था का कोई सानी नही पर जो आज विश्व मे उसके खिलाफ दुश्मन पैदा हुए है पूरा विश्व चीन के खिलाफ़ है और यही कारण है कि आज हम सब चीन के बने सामान का बहिष्कार कर रहे है। तब ही कहते है देर है और अंधेर नही। समय लग सकता है परन्तु बुरे काम का बुरा ही नतीजा।