डॉक्टर तो आप को बहुत मिल जाएंगे और बहुत लोग इलाज भी करते है अपने क्लिनिक भी खोल क़र बैठे रहते
है ।परन्तु अपने काम मे जो शोध को जो बहुत अधिक महत्व दे पढ़ने को अपना मकसद बना क़र रखे और एक
डॉक्टर होने के नाते जब ये जाने की किसी के जब परिवार का कोई एक युवा सदस्य अगर दिल की बीमार में
किसी अज्ञात कारन से मर गया तो उसके पूरे परिवार को इस बात के लिए राजी करे कि आप को अभी से इस
बात की सावधानी रखनी है कि आप के परिवार का एक सदस्य इतनी कम उम्र में कैसे मरा ओर बाकी लोगो को
क्या सावधानी लेनी अति आवश्यक है ताकि आने वाले खतरे को खत्म किया जा सके । उनकी ई सी जी , टी एम
टी, एम आर आयी, लिपिड, आदी करवाना ओर आनेवाली कई मौतो को टॉल देना जतिन अपनी बड़ी मजबूती
मानते है। उनके शब्दों में में समाज को अपना ज्ञान वापस दे रहा हूँ । जो कि बहुत अधिक आवश्यक है।रोज़ के
मरीज़ देख लेने के बाद जो में अपना समय बाकी की पढ़ाई में व शोध में लगाता हूं यह मेरी बडी ताकत है ओर
इसमें मेरी पत्नी डॉक्टर सीमा का बहुत बड़ा सहयोग है जो कि बच्चो को देखती है खुद भी दिल्लीः
विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है फिर भी मेरे लिए उनका सहयोग बहुत अधिक है। में बहुत अधिक समय अपने शोध
को बहुत महत्व देते है।
अपने रोज़ के मरीज़ देखने के बाद जो अपने समय को शोध के लिए समर्पित करे वो युवा डॉक्टर जतिन आप को
कईओ से अलग खड़े नजर आएंगे। बहुत ही सुलझे हुए व्यक्तित्व के धनी है डॉक्टर जतिन।
जिनके पेपर्स कई देशों में पढे गए और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की फेलोशिप पर अमरीका बुलाये गए।जिनको
विश्व के अन्य देशों में जैसे कि स्विट्जरलैंड, कनाडा, तुर्की, पुर्तगाल, स्पेन, ओर भी कई देशों में अपने काम के
कारण बुलाया गया।
2005 में मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज से एम बी बी एस की पढाई पूरी की जतिन ने फिर वही से पोस्ट
ग्रेजुएट किया फोरेन्सिक मेडिसिन में ओर आज दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में बतौर विशेषयग्य अपनी
सेवाएं दे रहे है। डॉक्टर जतिन भारत में बहुत गिने चुने फोरेन्सिक विशेषयगयौ मेसे एक है ओर अपने काम के
प्रति बहुत निस्वार्थ व ईमानदार व समर्पित है।
डॉक्टर जतिन के पिता भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहे अपने परिवार में लाडले ओर बहुत ही कामयाब
डॉक्टर जतिन एक अच्छे पिता एकअच्छे डॉक्टर व बहुत अच्छे पति ऐसा कहना है उनकी पत्नी डॉक्टर सीमा
का ।
डॉक्टर अनिल अग्रवाल को ये अपना मेंटोर मानते है और इनके कैरियर में आये खूबसूरत बदलाओ को डॉक्टर
अनिल की देन मानते है। डॉक्टर अनिल अग्रवाल आज से करीब 30 साल पहले कॉमन वैल्थ स्कॉलरशिप पर
यूरोप गए थे ओर आज जाने माने विशेषयग्य है। डॉक्टर अनिल का योगदान भी अकल्पनीय है।पब मेड जो कि
विज्ञानकी दुनिया का जाना माना शोध क्षेत्र है उसमें भी डॉक्टर जतिन ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
हम डॉक्टर जतिन के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है। बातों बातो में लगा कि डॉक्टर जतिन की शायद
एम्स में ज्यादा जरूरत हो क्यो की डॉक्टर जतिन क्राइम की दुनिया का चेहरा बदलने की हैसियत रखते है हम
सब को निर्भया केस याद है उसमें अपराधियों को पकड़ने में सब से ज्यादा मदद फोरेन्सिक से मिली जिसमे
अपराधी के बचने व जूठ बोलने की गुंजाइश नही रहती है इसलिए आज हम को गर्व है कि एक युवा डॉक्टर जो
अपने काम को ले कर इतने समर्पित है निश्चित ही इस से चिकित्सा विज्ञान व अपराध की दुनिया के मायने
बदलने वाले है। ओर डॉक्टर जतिन का सहयोग इसमें बहुत अधिक है।