भारत भारत भारत की राजनीति में अगर किसी व्यक्ति को सफल होना है तो बहुत सारे उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है रामविलास पासवान उसी राजनीति के गलियारों में घूमते हुए वह सब पाठ सीखते गए जिससे उन्हें राजनीति का महारथी कहा गया एक हैरान करने वाली बात यह थी कि पार्टी कोई भी हो सरकार कोई भी हो रामविलास हमेशा मंत्री रहेंगे अब यह याद तो दलित पहचान को बनाए रखने की जरूरत थी भारतीय समाज में या फिर रामविलास जी का कोई हुनर जिसमें कि उन्होंने हर सरकार में मंत्री पद लिया|
आज के समय में मानवीय मूल्यों या पार्टी से संबंधित वफादारी कितनी काम में आती है इस चीज की कमी उदाहरण मिलते हैं रामविलास जी बिना किसी दूसरी बात किए भारत में दलित राजनीति की बात करते थे और आज भी 70 सालों के बाद भी यही हकीकत है कि जब मुख्य सरकार का गठन होता है या मंत्री पद की बात आती है तो बहुत कम उच्च स्तर के अनुभवी और उम्र दराज दलित नेता है जो अपने आप को इस हद तक सरकार में प्रस्तुत कर पाते हैं कि वह जो चाहे वह ले ले रामविलास जी ने भारतीय समाज में हर तरह के उतार-चढ़ाव देखें और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि उन्होंने बहुजन समाज को इकट्ठा किया उसको एक पहचान दी और उसको राजनीतिक स्तर पर पहुंचा कर एक सम्मान भी दिया|
हालांकि निजी जीवन में उन्होंने दूसरी शादी की और बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो समाज में उस मुद्दों पर सही नहीं जाएगी जहां महिलाओं की बात हुई अधिकारों की बात हो लेकिन रामविलास पासवान अपने जीवन में एक अच्छे राजनीतिक कैरियर में सफल रहे अच्छा होता अगर उन्होंने अपनी कोई जीवनी लिखी होती|
किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन को हल्के में नहीं लेना चाहिए आप अपने जीवन का अनुभव लिखिए क्योंकि जो आपने देखा है समझा है उसको जवाब लिख देते हैं शब्दों में उचित देते हैं तो आने वाली हजारों पी लिया उससे फायदा उठाती है अच्छा होता अगर पासवान जी अपना जीवन लिख कर जाते और उसे एक दलित राजनीति की पाठशाला के रूप में समाज में बहुत कुछ सीखने को मिलता आने वाली पीढ़ियों को उनके अनुभव का लाभ होता किस तरह के उतार-चढ़ाव से गुजरे कब जिंदगी में क्या निर्णय लिए और क्या उन्होंने किया दैनिक लास्ट लाइन न्यूज़ रामविलास जी को भावभीनी श्रद्धांजलि देता है और कई मायनों में इस बात की प्रेरणा देता है कि हमें जीवन में संघर्ष का रास्ता लेकर आगे बढ़े