- कपड़ा टेलर मेड|
- जूता फिटिंग का|
- घर मनमाफिक|
- मोबाइल में सारे फीचर नए|
- खाना अपनी पसंद का|
- गाड़ी में वह चीज है जो सुरक्षा भी दे मजबूती और पैसा कम|
- अस्पताल डॉक्टर वो पसंद तो हमारा इलाज सही से करें पैसा कम ले
- हम हमेशा यह चाहते हैं कि हर चीज हमारी सुविधा के हिसाब से मिल जाए लेकिन हम में से कोई भी यह नहीं सोचता कि हमें क्या करना चाहिए दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है |लेकिन किसी भी के भी मन में यह नहीं आया कि हम पटाखे ना फोड़े दिल्ली का प्रदूषण बढ़ता जा रहा ह और लोग पटाखे फोड़ना बंद नहीं कर सकते अब यह क्या मजबूरी हैयह आते हैं या जरूरत है या पड़ोसी को दिखाने के लिए पटाखे खरीदना जरूरी है लेकिन किसी के भी दिमाग में यह नहीं आया कि हम एक से एक मिलकर एक से एक बढ़कर सब यह तय करें कि हम एक भी पटाखा ना छोड़े क्या ऐसा संभव नहीं था कि एक भी पटाखा नहीं छूटता वह चाहे रावण के जलने पर हो और जब रावण जला तो सारे नेता उपस्थित थे सारे बड़े-बड़े लोग उपस्थित थे और हजारों करोड़ों रुपए के पटाखे जला दिए गए क्या वह सब मिलकर दिल्ली के प्रदूषण को नहीं बढ़ा रहे हैं |हम अपने जीवन में वह सारी सुविधाएं सब कुछ चाहते हैं जो हमें स्वस्थ बनाए हमारे शरीर को मजबूत बनाए हमारे सारे काम हो हम पढ़ने लिखने में अच्छे हो हम आगे बढ़े लेकिन किसी की भी क्या की जिम्मेदारी नहीं बनती एक भी बटाका ना चलाएं ऐसा काम करें जिससे हमारा शहर साफ सुथरा हो और हम इसके प्रदूषण को रोक पाए क्योंकि जो हवा जो गंदगी जो कार्बन हमने हवा में छोड़ दी हर एक इंसान उसमें सांस ले रहा है और वह सांस सबके फेफड़ों में जहर बनकर घूम रही है| क्या किसी को नहीं लगा कि हम इस प्रदूषण को रोकने में एक रत्ती भर भी सहयोग कर सकते हैं कोई भी व्यक्ति छोटा हो या बड़ा गरीब हो या अमीर बड़े मकान में रहता हूं या झोपड़ी में कम से कम सोच तो अच्छी रखी सकता है और अपने अपने स्तर पर पूरे शहर को प्रदूषण से रहित होने का कोई तो उपाय कर सकता है लेकिन नहीं| यही लोग चौराहे पर खड़े होकर सरकार को कोसते हैं जनता को कोसते हैं बाकी लोगों को कोसते हैं लेकिन यह भूल जाते हैं कि उन्होंने इस गंदगी को बढ़ाने में कितना सहयोग किया जब हम एक छोटी सी आदत नहीं बदल सकते तब क्या उम्मीद करें कि पूरा शहर बदलेगा संभव नहीं है