जो महिला खाकी वर्दी पहन लेती है उसको यह एहसास कराया जाता है बार-बार कि तुम लोहे की बनी हो तुम्हारे अंदर कोई भावना नहीं है और तुम्हें अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया है| तो वह महिला दिन रात ऐसे अपराधियों से रूबरू होती है जिनका नाम सुनकर आपकी रूह कांप जाए ऐसे अपराधी जो किसी पर तेजाब फेंकने का काम करते हैं ऐसे अपराधी जो किसी छोटे बच्चे को बलात्कार करते हैं ऐसे बाप जो निर्दयता से अपने ही बच्चों को मार देते हैं| इन महिला पुलिस अधिकारियों को समाज का वह घिनौना रूप देखने को मिलता है जिसके बारे में हम सोचना नहीं चाहते जानना नहीं चाहते और उसके साथ कभी कोई वाक्य हो ऐसा हम कल्पना भी नहीं कर सकते|
वह महिला अधिकारी जब इस तरह के अपराधियों से संपर्क में आती है तब समझ सकते हैं कि उनकी मां ने स्थिति कैसी होती होगी ऐसे ही अपराधियों से दो-चार हो कर उनको जेल भिजवा ना होता है और इस तरह के अपराधी कभी-कभी एक व्यक्तिगत दुश्मनी भी पाल लेते हैं इन पुलिसकर्मियों से जो कि उनके निजी जीवन के लिए बेहद खतरनाक होती है|
पुलिस के बारे में ज्यादातर नकारात्मक सोच ही मिलती है लेकिन सकारात्मक तरह से जुड़ने में और उसको सही तरह से समझ ना तब तक समाज ऐसा सोचना ही नहीं चाहता| हम पुलिस की को अच्छाई देखना ही नहीं चाहते क्योंकि हमें क्या फर्क पड़ता है हमारा क्या मतलब है और कोई सोच अगर बनी बनाई है जो कि गलत है उसके खिलाफ खड़े होना खुद को तकलीफ में डालने वाली बात है और ऐसा कोई करना नहीं चाहता क्योंकि हम सब एक आरामदायक जिंदगी चाहते हैं जिसमें किसी तरह की तकलीफ ना हो और सब कुछ हमें आसानी से मिल जाए|
हम कभी अपने दायरे से निकलकर जब इन महिला पुलिसकर्मियों को चौकी पुलिस की वर्दी में आपको नजर आएंगी एक सम्मान और विनम्रता का भाव रखें और यह भाव रखें कि किस तरह इनके बच्चे बिना मां के पलते हैं बिना किसी की परवरिश के इस तरह की सोच समझ सकते हैं समाज से और आने वाले भविष्य में जब इनके बच्चे बड़े हो जाते हैं तो किस तरह इन पुलिसकर्मियों को खास तौर पर महिला अधिकारियों के सामना करना पड़ता है समाज का नजरिया बदलना जरूरी है और समाज को एक सहयोग की भावना के साथ इन महिला पुलिस अधिकारियों जो कि समाज क्योंकि उम्मीद रखती है और उससे समाज का बहुत अब का जो हमारी सुरक्षा में लगा है|