अनजाने में ही समय ने सारी बातें सीख ली जिससे कि उसका जीवन तहस-नहस होने वाला था उसने यह सीखा कि किसी का भी गलत करो पूरा करो किसी का नुकसान करो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप किसी की जिंदगी बर्बाद कर दो उसे भी कोई फर्क नहीं पड़ता और आखिर में यह सब ज्यादा नहीं चला और एक समय के बाद समय को पूरी जिंदगी के लिए सलाखों के पीछे रहना पड़ा और यह कहानी की शुरुआत तब होती है जब समय बहुत छोटा था और उसने घर में अपने आसपास या बरात और यह गलत काम होते देखा उस सीख गया क्या गलत था क्या सही उसे नहीं पता था लेकिन वह उसके जीवन की सच्चाई बनने वाले थे और यही सच्चाई आगे चलकर उच्च जीवन बर्बाद करने वाली थी|
समय के पिता का बचपन में देहांत हो गया था और उसको उसकी मां ने पाला समय अक्सर अपनी मां के आसपास घुमा करता था उसकी मां की बातें उसे सब अच्छी लगती थी शुरू से ही घर में कोई नहीं था इसीलिए शायद वो मां का लाडला था और मां के पास रहना उसे पसंद आता था और समय बहुत छोटा था और जो भी मां कर दी उसको बहुत अच्छा लगता था मां उसे अच्छा अच्छा खाना खिला दी थी अच्छे कपड़े पहना दी थी बहुत प्यार करती थी और समय नहीं देखा कि कुछ लोग घर में आते हैं या कुछ लोग घर में है जैसे कि एक बूढ़ी नानी रहा करती थी और समय को बताया कि नानी है और उसके अलावा एक मामी रहा करती थी तो मैंने देखा कि उसकी मां अक्सर मामी के साथ बुरा व्यवहार करती थी मम्मी के बारे में अच्छी बातें नहीं कहती थी मामी की शिकायतें नानी से करती थी और समय ने कई बार देखा की नानी बिना गलती के नानी मामी को मामी की अक्सर गलती नहीं थीं|
मामी व्यवहार से सीधी थी और घर का सारा काम करने की जिम्मेदारी उन्हीं की थी समय देखता था कि उनकी मां जिसको कि वह बहुत प्यार करता है वह दिनभर मामी से अच्छा व्यवहार नहीं करती उसे काम करवा दी थी और बैठे-बैठे नानी के सामने दिनभर बुराई करती रहती थी समझ में नहीं आता था कि अच्छा क्या है बुरा क्या है वह तो यह भी नहीं जानता था कि अच्छा कौन व्यवहार कर रहा है बुरा व्यवहार करें पर उसने देखा कि उसकी मां की जीत हो जाती थी उसकी मां को वह सब मिलता था वह चाहती थी और उसी वजह से उसको भी अच्छे-अच्छे कपड़े और खाना मिलता रहता था|
समय थोड़ा बड़ा हुआ और फिर उसने देखा कि उसकी मां लोगों की बुराई करती रहती है और लोगों के बारे में गंदी बातें कहती रहती है उनके चेहरे को लेकर के बातें बनाती है और यह सारी बातें किसी के बारे में अच्छी नहीं होती थी और फिर हंसने लग जाती है उसे अच्छा देगा कि उसकी मां लोगों के घरों में तब जाती है जब लोग खाना खा रहे होते दोपहर में और अक्सर देखा कि लोग उसी मां को बुलाते नहीं थे घर पर और ना ही वह खाना खाते हुए यह भी पूछते थे कि खाना खा लो लेकिन उसकी मां फिर भी उनको भी उल्टा सीधा करके आ जाती थी और खाना भी खा लेती थी कुछ लेकर भी आ जाती थी सब को यह पता नहीं चलता था कि यह बुराई क्या है अच्छाई क्या है इज्जत क्या है लगता था कि ठीक नहीं है बहुत ज्यादा सम्मान से नहीं देखते हैं|
फिर समय थोड़ा और बड़ा हुआ और वह स्कूल जाने लगा फिर वह कॉलेज में आया और जब कॉलेज में आया तो उसने देखा कि अक्सर लोग उसको किसी भी दोस्ती के ग्रुप में नहीं रखते थे और वह उसको वहां से भगा देते थे फिर उसने देखा कि कोई उसके साथ खेलना पसंद नहीं करता था कोई उसके साथ दोस्त बनना नहीं पसंद करता था लेकिन यह कभी समझ नहीं पाया कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा था क्यों लोगों से दूर भागते थे|
फिर जब वह बड़ा हुआ और कॉलेज पार कर लिया तब उसने देखा कि उसका एक भी दोस्त नहीं है किसी सबके कोई ना कोई दोस्त है लेकिन उसका कोई दोस्त नहीं है और उसके बाद भी उसे समझ में नहीं आया फिर एक बार उसके उसके साथ पढ़ने वाले लोगों ने अकेले में बुलाकर बहुत मारा और बहुत बुरा भला कहा होगा कि तू बहुत मतलबी है तू लोगों को गंदा बोलता है गंदा व्यवहार करता है उसको बुरा लगा काफी लेकिन वह यह नहीं समझ पाया कि वह ऐसा करता है|
धीरे-धीरे समय बढ़ा हुआ और उसके बाद उसकी शादी हो गई लेकिन शादी के बाद कुछ टाइम बाद उसका घर परिवार टूट गया उसकी पत्नी और उसका बच्चा छोड़कर उसको चले गए और आखिर में वह यह नहीं समझ पाया लेकिन एक कहानीकार के नाते हम यह बात समझते हैं और हम आपको बताते हैं कि क्यों समय अकेला रह गया जो लोग उसके साथ नहीं आए क्यों वह कभी दोस्ती नहीं कर पाया क्यों उसका परिवार टूटा क्यों उसका घर टूटा बचपन से समय ने सारी बातें सीख ली थी अनजाने में ही तो उसकी मां व्यवहार किया करती थी उसकी मां हमेशा दूसरों की बुराई करती थी लोगों को नीचा दिखाती थी लोगों के बारे में गंदे कमेंट करती थी और यही बातें समय ने अपने व्यवहार में सीख ली उसकी मां कभी किसी के काम नहीं आई कभी किसी की मदद नहीं की कभी किसी दूसरे के अंदर अच्छाई नहीं देख पाई और यही कारण रहा कि समय ने भी यह सब सीख लिया इसीलिए जब वह बड़ा हुआ और जब उसको दोस्त बनाने थे तब वह कभी अपने किसी दोस्त को कुछ दे ही नहीं पाया और आखिर में सारे दोष उसको छोड़ कर चले गए और यही कारण था कि उसकी पत्नी उसका बच्चा भी उसको छोड़ कर चले गए क्योंकि वह कभी उनके लिए कुछ कर ही नहीं पाया हमेशा उसको लेने की प्रवृत्ति थी लोगों के बारे में कमेंट करने की प्रवृत्ति थी और सब को बेइज्जत करके सिर्फ अपना काम करने की आदत उसकी बन गई थी हमारी संगत और हमारा व्यवहार हमारे जीवन को इस तरह प्रभावित करता है मां-बाप होने के नाते हमें अक्सर यह देखना है कि हम क्या बात कर रहे हैं कैसे किसी के साथ व्यवहार कर रहे हैं अगर हमारा व्यवहार खराब है तो यकीन मानिए वह सारा हमारे बच्चों के जीवन की हकीकत बनने वाला है और कोई मां-बाप यह नहीं चाहता कि उसका बच्चा अकेला रहे दोस्तों के बिना रहे और उसका परिवार टूट जाए इसीलिए लोगों से अच्छे से व्यवहार करिए उनसे इज्जत करें और जो आपके आसपास के लोग हैं उनको इज्जत सम्मान दीजिए तभी आप भविष्य में लोगों के साथ रह पाएंगे|