हाशिए पर खड़े होकर बोलना

मुख्यधारा का मतलब होता है आपको समाज का सहारा मिलता है किसी तरह का विरोध नहीं करना पड़ता मुख्यधारा का मतलब होता है समाज के किसी एक वर्ग को राजनीतिक सामाजिक आर्थिक अधिकार मिलना राज्य राज्य में पुलिस प्रशासन तथा राजनीतिक संरक्षण और सांस्कृतिक तौर पर भी आप अपने आप को अलग-थलग महसूस नहीं करते|

 हाशिए पर खड़े हुए लोग अलग-थलग महसूस करते हैं| उनको लगता है उनके खाने की कोई तारीफ नहीं करता उनके कपड़े पहनने का तरीका अलग है| उनकी विचारधारा ज्यादातर लोग नहीं मानते| जिस तरह से उनका पालन-पोषण हुआ है उस बात का भी जिक्र नहीं होता| जैसा कि भारत में उत्तर पूर्व से आए लोग जिनको कि नॉर्थईस्ट कहा जाता है या दलित समाज के लोग आदिवासी एलजीबीटी,  क्विवीर|

अपने आप को हंसी पर रखना और समाज से अलग-थलग होना यह समाज में शामिल  ना हो पाना  बहुत बड़ा दर्द है| भारत में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनको की हास्य पर रखा जाता है खासतौर पर उत्तर पूर्व से आए लोग नॉर्थईस्ट इंडिया वहां पर लोगों का ध्यान तभी जाता है जब कुछ महिलाएं सड़क पर नग्न प्रदर्शन कर देती है जबकि रोज होने वाले अत्याचार और सेना के द्वारा घरों में घोषणा लड़कियों को प्रताड़ित करना यौन शोषण के मामलों को ज्यादा तारीफ नहीं दी जाती|

 दलितों पर अत्याचार भारतीय समाज का एक अभिन्न हिस्सा है भारत का स्वर्ण और उच्च जाति वर्ग कभी नहीं चाहता कि इस समाज से जाति खत्म हो इसीलिए हिंदू समाज के अलावा मुसलमानों  ईसाईयों और अन्य समाज में भी जाति का जहर घोल दिया गया है|

 अब आपको जात पात का भेद करने वाले ना सिर्फ हिंदू मिलेंगे बल्कि मुसलमान भी मिलेंगे इसाई भी मिलेंगे और सिख कम्युनिटी में भी कहीं ना कहीं जाति का जहर है जैसा कि पंजाब में अक्सर सुनने में आता है कि दलित समाज के सिख भाइयों को बराबरी का दर्जा नहीं मिलता गुरुद्वारों में भी\

 अभी हाल ही में जामिया मिलिया इस्लामिया ने एक रिफ्रेशर कोर्स करवाया अंग्रेजी विभाग के द्वारा इसकी के मुख्य बिंदु थे स्पीकिंग फ्रॉम  मार्जिन|

 हाशिए पर खड़े होकर बोलना यहां शेर की आवाज को बुलंद करना इस  इस कोर्स में दो लोगों ने मुख्य भूमिका निभाई   डॉक्टर सिम्मी डोले  डॉक्टर  आप अपम|

 दोनों की प्रोफेसर जामिया मिलिया इस्लामिया के अंग्रेजी विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और जिन लोगों को इस रिफ्रेशर कोर्स के लिए बुलाया गया सारे इतने अच्छे थे कि उन्होंने विद्यार्थियों के जीवन में एक नई सोच पैदा कर दी कि मुझे खासतौर पर यह बात अच्छी लगी कि फेमिनिज्म की जो फोर्थ वे फेमिनिज्म था  उसके बारे में ज्यादा जानने को मिला|

डॉक्टर सिम्मी डोले  डॉक्टर  आप अपम  दोनों ही नॉर्थईस्ट से आते हैं और दोनों का ही दायरा समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों के बारे में लिखना पढ़ना और बोलना है यह रिफ्रेशर कोर्स बेहद कामयाब और बहुत अच्छा रहा जामिया के एचआरडीसी सेंटर के डायरेक्टर  प्रोफेसर अनिसुर रहमान  ने सभी विद्यार्थियों को बहुत अच्छी तरह से समझा और सभी की परेशानी दूर करने की कोशिश की|

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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