डॉक्टर सिमी डोले व डॉक्टर अपम जामिया मिलिया इस्लामिया

 हाल ही में जामिया मिलिया इस्लामिया में अंग्रेजी विभाग में देश के विभिन्न अध्यापकों के लिए एक रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया गया |रिफ्रेशर कोर्स की जो मुख्य विषय सूची थी वह थी भारत देश में, विश्व में जितने भी लोग हैं जो कि आज हाशिए पर खड़े हैं उनकी बात को मुख्यधारा में लाना|

 रिफ्रेशर कोर्स में दो कोऑर्डिनेटर थे  डोले सिमी  डोले व डॉक्टर   अपम |दोनों ही प्रबंधकों का काम बहुत बड़ा था 120 से अधिक विद्यार्थी होने के कारण उन सब को सूचना देना उनकी हर परेशानी को ऑनलाइन समाधान करना उनको सुनना और हर शिक्षण में तीन से चार बार उपस्थिति फीडबैक फॉर्म और बहुत कुछ इस बीच में बीच बीच में जो ऑनलाइन पढ़ाई के साथ में मुसीबतें खड़ी होती है उनको फिर से बिठाना|

डॉक्टर  सिमी  डोले व डॉक्टर   अपम जामिया मिलिया इस्लामियाअंग्रेजी विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनका व्यवहार बेहद विनम्र और  सौहार्द पूर्ण था|  डॉक्टर  सिमी  डोले व डॉ अप म  अपने परिवार में और घर में बराबर ध्यान देते हुए भी हर वक्त व्हाट्सएप पर मेल पर और अन्य ऑनलाइन साधनों पर बराबर उपस्थिति दर्ज कराते हुए हर एक स्पीकर का बायोडाटा पढ़ना और साथ में बहुत सारे  प्रोफेसर को उनके प्रश्न पढ़कर सुनाना|

रिफ्रेशर कोर्स की खास बातचीत की थी जो कि हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने का इतिहास थी इसमें महिला बाद का चौथा पड़ाव बताया गया इसमें  मानव तस्करी के बारे में विस्तार से चर्चा की गई नॉर्थ की समस्याएं क्योंकि आज ही ना हम सुनने को तैयार है ना ही समझने को उसका विचार विस्तार से विमर्श किया गया दलित मुद्दे महिलाओं के मुद्दे मजदूर किसान और यहां तक कि खानपान की संस्कृति रहन-सहन पहन  उड़ने का तरीकाकई मायनों में बहुत अधिक मुख्यधारा में शामिल नहीं किया जाता है उस पर विस्तार से चर्चा थी|

 जो वक्ता बुलाए गए वह अपने विषय के महारथी थे और उन्होंने अपने विषय पर पूर्ण रूप से गहराई से विचार विमर्श प्रस्तुत किया|  हम ही हमारे समाज अक्सर देखते हैं  कि कुछ लोगों को खान-पान के नाम पर अलग-थलग कर दिया जाता है ऐसा खाना खाते हैं इसके खाने में बदबू आती है ऐसा खाना है ऐसा नहीं है वैसा नहीं है यह लोग ऐसा कपड़ा पहनते हैं देखो इसलिए बाल कैसे कटवा लिए ऐसा चेहरा कैसा दिखता है जिससे कि मानव व्यवहार का कोई भला नहीं होने वाला जाती है वह आती है |विचारधारा हम किस तरह के विचार मन में रखते हैं या हमारे विचार सब लोगों को एक साथ लेकर चलने की कूवत रखते हैं|

 क्या हम हर किसी व्यक्ति को उसके खानपान धर्म जाति रगोली स्थिति या अर्थव्यवस्था के आधार पर अपने से अलग करते हैं या अपने में शामिल करते हैं अपने मायने में एक नई विचारधारा और जो दबी हुई विचारधारा है उसको मुख्यधारा में लाने का एक बेहद संजीदा और शानदार प्रयास था |इस प्रयास को सफल बनाने में जामिया मिलिया इस्लामिया के एकेडमिक स्टाफ के डायरेक्टर प्रोफेसर र रहमान  अंग्रेजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर   निशाद   जे दी  मैडम व अन्य सभी लोग जो जामिया मिलिया में प्रमुख रूप से हंसे की बात को मुख्यधारा में लाने को प्रयासरत है सब को बहुत सारी बधाई

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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