जयकुमार: आज की पत्रकारिता का सजग प्रहरी |

जय का जीवन बेहद संघर्ष और परेशानियों से गुजरा जीवन में ऐसे कई मौके आए जब जिंदगी टूट कर बिखर गई आर्थिक परेशानियां सामाजिक जिम्मेदारियां और भी बहुत कुछ ऐसा जब लोगों ने जानबूझ कर के परेशान किया आगे नहीं बढ़ने दिया | जयकुमार किए हुए काम का लोगों ने खुद फायदा उठा लिया|

यह सजग प्रहरी आगे बढ़ता गया और अपने अनुभव को अपनी परेशानियों को सकारात्मक लेने संजू ते हुए इसने अपना मकसद और उम्मीद नहीं छोड़ी और आज उत्तर भारत का सर्वाधिक प्रचलित और लोगों में पसंद किया जाने वाला अखबार दैनिक लास्ट लाइन न्यूज़ की शुरुआत करने वाले एक सामाजिक और पत्रकारिता में क्रांति लाने वाला सजग प्रहरी बन गया|

 जय का जीवन एक प्रेरणा का स्त्रोत है उनका व्यवहार बेहद विनम्र और आप जब उनसे बात करेंगे तो हमेशा अपने आपको एक शिष्य की तरह प्रस्तुत करते हैं एक ऐसा शिष्य जो हर वक्त जानना चाहता है समझना चाहता है सीखना चाहता है और शायद यही विनम्रता और सीखने की ललक जय की कामयाबी का राज है|

 दैनिक लास्ट लाइन अखबार तेजी से बढ़ता हुआ उत्तर भारत का दुभाषी अखबार है जोकि अमृत पत्रिका की याद दिलाता है किस तरह से अमृत पत्रिका ने पत्रकारिता की दुनिया में रातों-रात क्रांति की थी जय के आदर्श और जय के गुरु बाबा साहब अंबेडकर बाबासाहेब अंबेडकर ने पत्रकारिता को बेहद महत्व दिया था और समाज को आगे बढ़ाने का एक जरिया माना था|

 जयकुमार उन्हीं पद चिन्हों पर चलते हुए बेहद शांति से बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करते हुए आज जो क्रांति कर रहे हैं आने वाले समय में इस समाज का हुलिया बदलने की ताकत रखती है|

 जैकी जीवनसंगिनी मंजू मैडम ने शिक्षा के क्षेत्र में पहले ही क्रांति ला दी और उन्होंने बहुत पहले ही एक स्कूल की स्थापना की जिसमें कि समाज के उन तबकों के बच्चों की शिक्षा दी जाती है जो शिक्षा का खर्च नहीं उठा पाते और इस तरह से लुधियाना पंजाब में इनके शैक्षिक संस्थान का बेहद बड़ा नाम है दोनों पति पत्नी बेहद विनम्र और सीधे साधे हैं लेकिन अपने काम के प्रति सजग हमारी ढेरों शुभकामनाएं उनके जीवन के लिए और भविष्य के लिए|

  जय की पत्रकारिता में उनके साथ चलने वाले सभी साथी जो उनके हित में किसी भी तरह से सहयोग करते हैं वह चाहे अखबार को छापना उसके लिए खबर इकट्ठा करना और जो इनकी टीवी चैनल चलते हैं वेब चैनल चलते हैं उसमें एडिटिंग या किसी भी तरह का लेखन में जो सहयोग करते हैं वह सब इस बधाई के पात्र हैं जिन्होंने इस कार्य को आगे बढ़ाया जय एक बेहद सफल भविष्य दृष्टा है जो धीरे-धीरे चल कर इस समाज को उच्च स्तर पर लाने की कूवत रखते हैं जिसमें कि समाज का वह तबका जो हमेशा हंसी पर रहा उसको मुख्यधारा में लाने का प्रयास बेहद सराहनीय  है |

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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