इंटरनेट और संभावनाएं ऑनलाइन ऑफलाइन की दुनिया

आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि हमारे पास काम नहीं है| नौकरी नहीं है | हम बेकार बैठे हैं| टाइम पास कैसे करें और समय नहीं कट रहा है|  कोरोना ने सब बर्बाद कर दिया है| और पैसा नहीं है |घर में सब को कैसा पूरा करें|जिन पुरुषों ने घर में घर में थोड़े थोड़े छोटे-छोटे काम किया उसके बड़े-बड़े वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिए| और उस पर यह कोई उनको बताने वाला नहीं है कि जो वीडियो बना कर डाल रहे हैं वह भी सच है या नहीं है या सिर्फ झूठ मुठ के वीडियो बनाकर डाल दिए बड़े-बड़े वीडियो बनाकर डालने की पीछे सिर्फ दिखावा और झूठ ही मकसद रहा है यह दिखाने का प्रयास किया है क्यों किया है कि जैसे बहुत सारा काम कर रहे हैं घर में रहते हैं इस लॉकडाउन ने उनका जीवन बर्बाद कर दिया है और कुछ लोगों ने तो अपनी जिंदगी को इतना  बोझिल  बना लिया समय नहीं कट रहा काम नहीं मिल रहा  बस यही उनके जीवन की सच्चाई रह गई|

जो दिहाड़ी मजदूर है और जिनका काम धंधा खत्म हो गया जिनके दुकानें और वह सारे फ़ैक्टरियों बंद हो गई जिसमें वह काम कर रहे थे और उसकी वजह से उनकी रोजी-रोटी चल रही थी उनको मकान मिला हुआ था उनके घर में थी और वह मजदूर रोटी रोटी को तरस गए उनके बच्चे भूखे मर गए उनकी औरतों ने महिलाओं ने किस हद तक इस लोक डाउन में अपने जीवन को परेशानी में देखा इसकी हम सिर्फ कल्पना मात्र कर सकते हैं और बहुत सारे वीडियो और अखबार की न्यूज़ के द्वारा आपको पता होगा किस तरह से दिहाड़ी  मजदूरों ने  हजारों लाखों किलोमीटर की यात्रा पैदल कर ली और अपने गांव पहुंचे आज भी हम यह जानने के लिए उत्सुक नहीं है कि उनके साथ क्या हो रहा है किस तरह अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं किस तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं|

  उन लोगों के लिए यह बात सही कही जा सकती है जो कि रिक्शा चलाते हैं या कहीं किसी होटल में काम करते हैं कहे किसी भवन निर्माण में लगे हैं और उनके पास और कोई हुनर नहीं है जिसके द्वारा अपनी और जो लोग जो लोग अनस्किल्ड लेबर है या जिनके पास किसी काम के अलावा और कोई काम नहीं है उनके बारे में हम यह मानते हैं कि उनकी रोजी-रोटी उनका गया लेकिन जो मिडिल क्लास है जो इंटरनेट को समझते हैं जानते हैं और इंटरनेट में कितनी संभावनाएं हैं इसके बारे में दूसरों के द्वारा भेजे गए वीडियो देखते रहते हैं उन लोगों के लिए है उन लोगों के लिए जो जो किसी भी काम को करने के लिए राजी नहीं है बजाएं की बहाने बनाना बहाने बनाना लोगों को बहाने बनाना काम को टालना या किसी भी परिस्थिति में अपने आप को हटाने के लिए तैयार नहीं है|

एक भी वीडियो ऐसा नहीं मिला जिसमें पुरुष यह कह रहे हो कि हां हमने इस लॉकडाउन में यह नया हुनर सीखा हमने घर के बारे में ज्यादा जानकारी मिली हमें बच्चों के बारे में ज्यादा जानकारी मिली या हमने जीवन का यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा घर परिवार पत्नी बच्चे उनके साथ रहने का समय मिला और घर के बारे में अपने परिवार और बच्चों के बारे में और अधिक जानकारी आने का मौका मिला इस लॉकडाउन में |हमने  और यह एक बहुत महत्वपूर्ण  बात सीखी की किस तरह घर में रहते हुए भी औरतें चौबीसों घंटे व्यस्त रहती है और घर का काम है कि खत्म ही नहीं होता  और इस सब ने हमें भी  यह पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि किस तरह से हम अपने काम के बाहरी काम के साथ-साथ घर में भी हम कुछ समय देकर घर के काम में हिस्सा बता सकते हैं और अपने परिवार और बच्चों में ज्यादा खुशियां बांट सकते हैं      और एक ऐसा समय था जो हमें अपने भीतर सोचने पर मजबूर कर रहा था और हम उस सब को समझने की कोशिश करें थे जिसमें महिलाएं या बच्चे हर वक्त घर में रहते हैं और वह पूछते हैं|

   आज ऑनलाइन और ऑफलाइन में बैठ चुका है और जो ऑनलाइन है वह फिर वही तब का है जिसके पास साधन है संसाधन है और अपने बच्चों को अपने बच्चों को ऑनलाइन कि क्या से पढ़ा रहे हैं और ऐसे बहुत सारे मां-बाप मिल जाएंगे आपको जिन्होंने एक नहीं कई कोर्स अपने बच्चों को ज्वाइन करवा रखे हैं और इस लॉकडाउन में बच्चे उन सब हुनर में माहिर हो रहे हैं चाहे वह 3 साल की हो या 4 साल 5 साल 6 साल छोटे छोटे बच्चे कंप्यूटर ऑपरेट करना सीख गए हैं ऑनलाइन क्लास लेना सीख गए हैं और उसके हिसाब से काम करके अपलोड करना इस करो ना कि समय ने कुछ अलग तरह की विधाएं बच्चों को सिखाती है लेकिन आप यह भी देखेंगे कि एक तबका समाज का ऐसा है जो इस शब्द से अलग है और इन सब से अनजान जो  दिहाड़ी मजदूर जो कि इंटरनेट का  इंटरनेट की भाषा  उनका उनका यह कहना कि हमारे पास काम नहीं है| कनेक्शन अच्छा नहीं रख सकते या अपने बच्चों को अच्छा स्मार्टफोन नहीं दिला सकते या फिर  जहां पर स्कूल की तरफ से कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है बराबर क्लास से लेने का तो उन बच्चों का जो नुकसान हो रहा है मार्च-अप्रैल मई-जून  जुलाई  अगस्त सितंबर महीने का जो समय है जिसमें कि बच्चे अपनी शिक्षा से समझते और सीखने की संभावना से एकदम कट गए हैं जिसके चलते आज का समाज पूरी तरह से दो भागों में बट गया है ऑनलाइन ऑफलाइन ऑनलाइन वो लोग हैं जो संसाधन के साथ हैं जिनके पास पैसा है सुविधाएं हैं और जो इस माहौल में सारी सुविधा संपन्न होने के कारण अपने काम को आसानी से कर सकते हैं|

  परंतु   जो लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं या स्मार्ट फोन पर व्हाट्सएप फेसबुक टेलीग्राम इंस्टाग्राम और बाकी अन्य सोशल मीडिया का इस्तेमाल जमकर करते हैं उनके मुंह से यह सुनना कि हमारे पास काम नहीं है हम बेरोजगार हैं हमारी नौकरी चली गई बड़ा अजीब सा लगता है क्या आप फेसबुक इंस्टाग्राम व्हाट्सएप और बाकी अन्य सोशल मीडिया के साथ-साथ मोबाइल पर यह नहीं देख सकते कि किस तरह से मैं अपनी आमद बढ़ाओ नई नौकरी पाओ क्या इंटरनेट पर पैसा कमाने का कोई नया जरिया है क्या कोई ऐसी तरकीब भी हो स्मार्टफोन स्मार्टफोन के द्वारा क्या मैं अपना धंधा खोल सकता हूं कोई नया हुनर सीख सकता हूं या मैं अपनी आवाज बढ़ा सकता हूं जैसा कि रॉबर्ट कियोसकी कहते हैं अगर आपके पास एक स्मार्टफोन है तो उसके बाद आपको दुनिया में किसी भी चीज की जरूरत नहीं है आपको सब कुछ इस स्मार्टफोन के द्वारा मिल जाएगा आपकी नौकरी आपका पैसा आपका हुनर आपका सब कुछ इस स्मार्टफोन के सही इस्तेमाल से आप अपने जीवन को बेहतर से बहुत बेहतर बना सकते हैं| उनको उनको यह कहना चाहिए कि हमारे पास काम की कमी नहीं है लेकिन हम काम करना नहीं चाहते हम कोई नया हुनर सीखना नहीं चाहते और जो संभावनाएं इंटरनेट पर उपलब्ध है हम उस में से किसी की भी माध्यम से पैसा कमाना | ऑफलाइन वह बच्चे हैं जो कि ना तो स्कूल की तरफ से उनको कोई सुविधा मिली है ना ही अपने परिवार की स्थिति ऐसी है जिसमें कि वह रेगुलर क्लास करें और अपनी शिक्षा को जारी रखें

मुझे लगता है जो लोग स्मार्टफोन रखते हैं और उसके बाद हो कोई नौकरी नहीं पा पा रहे हैं या बेरोजगार बैठे हैं या उनका काम धंधा छूट गया है उनको यह कहना चाहिए कि हमारे पास स्मार्टफोन है हम व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम या बाकी अन्य सोशल मीडिया पर तो काफी अच्छा देख लेते हैं लेकिन हमें यह देखने की फुर्सत नहीं है कि किस तरह से हम इस फोन से नया हुनर सीखे किस तरह से हम फोन से नौकरी पाए और किस तरह इस फोन से हम कोई आवाज शुरू करें जो कि इंटरनेट के माध्यम से हमारा जीवन बदल सकती है

  आज के लेख बातों को बातों को ध्यान देने की कोशिश करेंगे जिसमें कि जब लोग कहते हैं कि मेरे पास काम नहीं है अगर आप इंटरनेट की दुनिया में जाएंगे अगर आप इंटरनेट की दुनिया को ढूंढो जाएंगे तो आपको इसमें एक साधारण सा ज्ञान रखने वाले व्यक्ति के सामने भी इतनी अधिक संभावनाएं हैं इसमें क्या अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं ऐसा माध्यम है यूट्यूब चैनल एक ऐसा माध्यम है जिसमें कि आप वीडियो अपलोड करके और अपना पैसा बना सकते हैं उसके अलावा बहुत सारी गूगल पर ऐसी वेबसाइट है जिसमें कि आप बहुत सारे तरीके का काम करके बहुत सारी छोटी-छोटी सूचनाएं देकर के लिख कर के और आप ऐसा बना सकता है

 ब्लॉग लिखना आज एक बहुत साधारण सी बात है और अगर आप गूगल के बहुत सारे टूल जो कि गूगल देता है आपको उनका इस्तेमाल करना सीख ले तो आप सिर्फ बोल करके भी अपने अच्छे खासे ब्लॉक बनाकर आप लोगों के सामने पेश कर सकते हैं और आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं

 क्या कभी हम यह नहीं सोच सकते कि काम अगर नहीं है तो कौन से तरीके हैं जिससे हम काम ढूंढ या कौन से ऐसे नए तरीके हैं जिसको हम सीख करके विधाओं को उन शैलियों को और और उस हुनर को ठीक है हम अपना जीवन यापन कर सकते हैं यह दूसरों को भी सिखा सकते हैं

 मुझे लगता है हमारे देश में बेरोजगारी नहीं है हमारे देश में काम नहीं करने की प्रवृत्ति है क्योंकि आप कोई नई नया हुनर सीखना नहीं चाहते आप कोई नई विधा को जानना नहीं चाहते या आप एक रटी रटाई लाइन पर चलते रहते हैं कि कोई नौकरी लगवा दे कोई हमें काम दिलवा दे या काम धंधा खत्म हो गया अब हम क्या करें बेरोजगारी सिर्फ 5 या 7 महीने में नहीं बढ़ी है बेरोजगारी पिछले 70 साल में है और इसके बारे में बहुत कुछ पढ़ा लिखा सुना समझा जा चुका है जैसा कि वर्ष पर कहते हैं यह कृपा है कि आज की सुबह हम जिंदा है हम जवान हैं यह स्वर्ग का अनुभव देता है इसमें एक नई बात हम जोड़ सकते हैं कि आज की दुनिया में पैदा होना महत्वपूर्ण है और अगर आप कंप्यूटर के बारे में इंटरनेट के बारे में जानकारी रखते हैं तो यह स्वर्ग से बढ़कर ऐसी संभावना नहीं है आपके सामने जो आपको इस बात के लिए रोके या इंटरनेट को ना जाने या आप नहीं विदा करना सीखें अगर आप में ललक है आपने काम करने की इच्छा है आपको अपना जीवन स्तर ऊपर उठाना है तो फिर दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो आप को रोक सकती है और आप किसी भी हाल में पीछे रह सकते हैं बात सिर्फ है शुरुआत करने की बात सिर्फ है नई विधा को सीखने की और बात सिर्फ है जो इंटरनेट पर संभावनाएं उपलब्ध है उनको अपने काम में लेने की

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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