Raag Darbari Me Mahilayen

महिला को जब आप उसकी स्वयं की नज़र से देखोगे तो वह मेहनती है ।  खुद्दार है वह प्रेम का सागर है वह इस
धरती की धुरी है   बहुत संवेदनशील ,ईमानदार परोपकारी, सच्ची, मेहनती, समर्पित, निस्वार्थ, ज्ञानी वैज्ञानिक
सोच रखने वाली , एक व्यापारी, एक कर्ता, ओर भी कई गुण हम जोड़ सकते है ।हर महिला में कुछ खास गुण
होते है।  परन्तु पृरूष उसको किस नज़र से देखता है  ? परन्तु पुरूष की नज़र (कुछ पृरूष इसमें शामिल नही है
)में सब से पहले उपभोग की वस्तु ओर फिर ठीक ठाक।
अब इतना ज्यादा फर्क ?
महिला उसके लिए काम करनेवाली एक साधन है ।
उसके शरीर की पूर्ति करने वाली साधन।  आसानी से बदली जाने वाली वस्तु। दहेज़ का जरिया  जिसमे बिना
काम मे सिर्फ आदमी होने का ओएस मिलता है । और भी आज के समय मे जब बहुत सारे महिलाओं के लिए
कानून है कोर्ट है और संगठन है जो उसको याद दिलाते है कि महिला तुम भी हो यह याद रखो अरे भाई तुम भी
इंसान हो। आज हम 21 वी सदी में है जब कोर्ट कहता है की महिला के शरीर पर उसका अधिकार है अगर वो
पति को भी सम्बंध बनाने से मना कर तो उसको यह हक है अब कितना यह अम्ल में आता है? वो अलग बात है
?खेर आज भी हम जिस समाज मे है वहा मा बेटे को कहती है कि बहू के  बच्चे नही हो रहे है  तो दूसरी शादी
कर ले। दहेज नही लाती बहूतो दूसरी शादी करले। मेरा कहना नही मानती बहू दूसरी ले आते है ।दूसरी जात
की है यो दूसरी शादी करले ।अरे भाई बहू हुई कोई ठेले की सब्ज़ी हो गयी ये सास ना  हुई कोई  सर्वोच्
न्ययालय की जज हो गयी और ये बेटा ना हुवा कोई जिन्दगी का मालिक हो गया। खेर आज भी भारत मे
लड़कियों पर तेजाब फेका जाता है यह सच है आज भी यौन शोषण है।
आज भी ओरत को युही छोड़ दिया जाता है यह सच है।आज भी रोज़ हर मिनट में बलात्कार होते है आज भी
रोज़ हाज़रो लड़कियों की पढाई  छुड़ाई जाती है ।यह सच है। आज भी बेटी को गर्भ में मारा जाता है इसमें कोई
दोराय नही।आज भी बेटी बोझ है आज भी महिलाओं को इज्जत की नज़र से नही देखा जाता है ।आज भी वह
भोग्या है।
आज भी हम वेश्यावृत्ति को बंद नही कर पाए है। क्यो की वह पुरूष की जरूरत ओर औरत की मजबूरी है। आज
भी हम चोरी चुपके वो सब करते है जिसमे महिलाओं का अधिकार छीनता है आज भी हम महिलाओं के लिये लेख लिखते है
पर रात को किसी दुरसी का साथ मिले तो वाह क्या बात है। उनके बारे में बोले पर बेटा पैदा होने की दुआ मांगते है।

राग दरबारी जी की श्रीलाल शुक्ल का लिखा व्यंग है इसमें महिलाओ का  बहुत नकरात्मक चित्रण है महिलाओं
को गठरी कहा गया। वह एक ऐसा कुवारी है जो शादी शुदा जीवन का आनद लेति है वह वो सड़क है जिसका
बलात्कार करने ट्रक सड़कों पर पाते है। वह गुमनाम है बस रात में आती है उसके वक्ष का दबाव बहुत अधिक है
कि रंग नाथ पसीना पसीना हो गया। वह बहुत बदनाम है जिसका चक्कर पहले बढे भा ई बद्री से फिर छोटे
रुप्पन से ओर फिर ममेरे भाई रंगनाथ से भी है। वह पहेली है उसका जिक्र है पर वह दिखायी नही देती।वह सब
जगह है पर उसको रात  में ही देखा जासकता है।यही तो औरत है हा भारत मे यही औरत है जो हज़ार बुरे
आदमियो से बचने के लिए एक शराबी जुवारी ओर नकारा को जीवन भर झेलती है।

Picture of Dr. Anju Gurawa

Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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