जब भी कोई बीमारी या महामारी हो तो सब से बड़ी परेशानी हो जाती हे की बच्चो को कैसे संभाले | बच्चा मतलब छोटी उम्र और जो आप समझाना चाहते हे वो समझने में देर लगती हे | गुस्सा करना कभी भी अच्छा नहीं हे इस से बच्चे का फ़्रंटल लोब बंद हो जाता हे और वो एक दम समजना बंद कर देता हे| आप बच्चे को कैसे मोटिवेट करे की वो हाथ धोये हाथो को मुँह में ना ले और साफ सफाई का ध्यान रखे | सब से पहला नियम | आप बच्चो सेबात करे बच्चे बात को समझते हे और बहुत अच्छी तरह से समझते हे |यहाँ दिन देने वाली बात ये हे की बच्चे को समझाने वाला एक ही व्यक्ति होसभी परिवार वाले ये तय करले की बच्चे को एक ही बात कही जाएगी सभी के द्वारा | जैसा की अक्सर होता हे माँ ने कहा बेटे ये करलो बच्चा नहीं करना चाहता हे तो वो तुरंत अपने बचाव के लिए पापा या दादी या परिवार के किसी अन्य व्यक्ति के पास जायेगा और वहां से वो सोचेगा की मुझे ये काम न करना पड़े | जहाँ तक बाल मनोविज्ञान की बात हे तो उसमे भी इस बात का जिक्र हे की बच्चे को अगर एक बात को करने के लिए सभी बोले या उसको लगे की मेरा इस बात से बचना आसान नहीं हे तो वो उस बात को आसानी से मान लेता हे | बहुत अधिक लोग बच्चे को भिन्न भिन्न बात कहेंगे तो उसको ये समझने में बड़ी आसानी होजयेगी की किस की बात को की से पास जा कर छुटकारा पा सकता हे | जब हम किसी भी बच्चो के कार्यक्रम में जाये तो वहां एक ही बात कही जाती हे सब से ज्यादा जरुरी हे की बच्चे को हमेशा इस बात का पता हो की अगर मम्मी ने ये बात कही हे तो पापा भी यही कहेंगे और पापा ने या बात कही हे तो मम्मी या दादी या और सब भी यही बात कहेंगे फिर बच्चा उस बात को मानेगा ही |बच्चे बड़े मनो वैज्ञानिक होते हे | में कोई बाल मनोवैगीनिक नहीं हूँ परन्तु जितना मेरा अपना अनुभव हे बच्चे पलने का में उस आधार पर कह सकती हु की बच्चो को पालना बहुत आसान तो नहीं पर अगर आप बच्चो को सब कुछ समजा दो तो भो वो उस बात को मानते हे | कुछ जरुरी वीडियो उनको दिखा दो क्यो की यह एक बहुत हे शश्क्त माद्यम हे समझने का और बच्चे जब कोई बात देखते हे तो ज्यादा जल्दी सीखते हे |
बच्चा अगर बहुत ही छोटा हे तो उसको किसी भी बाहरी सम्पर्क से एकदम काट कर रखे |घर का हर बड़ा इस बात का खास ध्यान रखे की बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोये बच्चे को अपने मुँह के पास ना लाये माँ जितना भी अपने को बहार के सम्पर्क से काट कर रख ले वो बहुत अधिक बेहतर हे |कोरोना की स्थितियाँ हे पहली दूसरी तीसरी चौथी पांचवी छठी भारत में अभी हम पहली स्थिति में हे | और अभी तो इसका कहर बरसना बाकि हे | बच्चे बूढ़े और बीमार सब से ज्यादा इस के निशाने पर रहेंगे | यह एक महामाँरी हे जो बहुतो का जीवन लील जाएगी | अभी मेने एक विडिओ देखा जिसमे एक आदमी ट्रैन में अपने मुँह से थूक निकल कर मेट्रो के खम्भे पर लगा रहा था | ऐसे भी लोग होंगे जो अपनी बीमारी जन बुझ कर दुसरो में फेलायेंगे | यह दुश्मनी निकलने का भी समय हो सकता हे | आप को आप की सावधानी सतर्कता सफाई ही बचा सकती हे | आप की कोई भी परिस्थित हो बस सावधानी ही आप का साथ हे अपनों में रहे साफ रहे बच्चो को समजाये उनसे बात करे | बात से बच्चे समझते हे सब कुछ समझते हे परेशानी कहाँ होती हे हम माँ बाप अस्सी से नब्बे प्रतिशत तो हुक्म देते हे अपने बच्चो को और बस दस प्रतिशत बात करते हे वो नहीं जमता हे