Bandar Kumar , Chalak Totli ki ded hosiyari ki kahani

ये कहानी मेरे पिता जी मुजे सुनाया करते थे । अक्सर समाज मे कुछ कहानियों के जरिये से  समाज को शिक्षा देने की कोशिश की जाती है और यह कहानिया कई वर्षो के अनुभवों को समेटे होती है। इसलिए हम को बचपन मे बच्चो को सुनाई जाती है ताकि हम बड़े होंकर धोखा न खाए।  मेरे बचपन की यह कहनी बहुत कुछ सिखाती है।

आईये कहानी सुनते है।
एक बन्दर था बहुत चालक होशियार ।ज़रुरत से ज्यादा चालॉक था इसलिए बाकी बंदरो ने उसको बन्दर कुमार कहना शुरू कर दिया। उस बन्दर की इच्छा थी कि वो बहुत ताकतवर बन कर उस जंगल पर राज करे। वो उस जंगल की हर बात पर अपना कब्जा चाहत था।परन्तु जंगल मे राज शेर किया करते है बन्दर नही । हा लेकिन यह बन्दर अपनी चालाकी से कुछ बंदरो में कुछ को बेवकूफ बना लेता था। शेर को भी ये अपनी चालाकी से अपने  हिसाब से घुमा देता। मजेदार बात है अक्र्सर माँअपने बच्चो को अच्छी शिक्षा देती है । जैसे कि जूठ नही बोलना चालाकी नही करना लोगो को धोखा नही देना। ईमानदारी से रहना।परन्तु इस बन्दर की माँ कुछ बहुत अलग थी बहुत ही चालाक होशियार। इस बन्दर को बिलकुल भी अच्छी शिक्षा नही दी। और सिखाती। की जितना चालॉक हो सकता है होजा। अपने साथियों को धोखा दे जुठ बोल इसमें तेरी तरक्की होगी तू ओर भी आगे बढ़ेगा। हमेशा लोगो को बेवकूफ बनाये रखने में अपने काम निकाल लेने में चालाकी करने में उसको होशियार करती और बन्दर कुमार वैसा ही बन गया। सब ठीक चल रहा था। बन्दर कुमार का प्रभाव जंगल मे बाद रहा था लोग उसके लिए काम भी कर रहे थे तब ही एक नई बन्दरी जंगल मे आयी इसका नाम था चालाक तोतली। बन्दर कुमार इस से बहुत प्रभावित हुआ और दोने अक्र्सर साथ रहने लगे।  बन्दर कुमार इस चालाक तोतली की बहुत तारीफ करता भाग भाग कर इसके सारे काम करता। बन्दरी का जादू बदर कुमार पर चढने लगा। बन्दरी चालाक तोतली ने बन्दर कुमार
को पूरी तरह से अपने वश में कर लिया।  क्यो की बन्दर कुमार अपने दिमाग से नही हमेशा दूसरो के दिमाग से चलता था।अब एक एक कर बन्दर कुमार पुराने साथियॉ से झगड़ा करनें लगा। और फिर चालाक बन्दरी तोतली ने बन्दर कुमार को एक सपना दिखाया कि अगर तुम अपने सब साथियॉ को छोड़ दे तो वह एक नया जंगल जानती है जहां का वह राजा बनेगा और बहुत प्रभावी रहेगा। बन्दरी चालाक तोतली की बातो में आकर बन्दर कुमार ने सब साथियॉ को लात मारी ओर चालाक तोतली बन्दरी के पीछे पीछे नए जंगल मे निकल पड़ा। यह बात बहुत ज़रूरी है ज़ोर देना की बन्दर कुमार की एक खास बात और भी है वो कभी भी अपना दिमाग नही लगाता उसका दिमाग हमेशा कोई  न कोई ओर चलाता रहा है।

अब तक जंगल मे बन्दर कुमार और बन्दरी चालाक तोतली की सारी चालाकियों को जंगल के बाकी जनावर जान चुके थे। सारे जानवरो ने दोनों को वैसे भी जंगल से बाहर निकलना था। खेर अब बन्दर कुमार और चालाक तोतली नए जंगल मे लोगो को बेवकूफ बनाने के नए नए पैंतरे ढूंढ रहे है।
पर नया जंगल कही नही। बस बन्दरी चालाक तोतली जो कि किसी काम की नही थी उसको एक बन्दर कुमार की तलाश थी अब बन्दर कुमार बन्दरी चालाक तोतली की सेवा कर रहा है अपना सब कुछ लुटा कर अच्छा तोतला बनाने का प्रयास कर रहा है।

कहानी से क्या सीख मिली।

1एक बार मे सब को बेवकुफ़ बनाया जा सकता है।
2 कई बार कुछ को बेवकूफ बनाया जा सकता है।
3 एक बार जिसको धो खा देने की आदत है वो फिर से धोखा देगा।
4 अगर किसी को पहचानने का प्रयास कर रहे है तो उसका भूत काल देख ले।
5 जो अपने मूल्यों को जानते जैसे कि सच्चयीं ईमानदारी विश्वास वो कभी समान कर काबिल नही कोई उनको अपना आदर्श नही बनाता।
6आप की जीत आप की कामयाबी में नही किस तरह से यह कामयाबी पाई उसमे है।
7 अगर आप के मूल्य उच्च नही है तो आप को लोग सामने पसन्द करेंगे पर पीछे से थूकते है।
8 पाला बदलने वाले। केस में फंसे कितने लोग बहुत कामयाब होते है सिर्फ कुछ साल फिर उसके आगे क्या? खाली डब्बा खाली बोतल।

Picture of Dr. Anju Gurawa

Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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(1) Comment

  1. Dr Saloni Gupta

    Wonderfully captures the nostalgic memories of childhood and the affectionate story telling by parents. Something to be really cherished.

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