वकालत एक ऐसा पेशा है जिसमें बहुत पढ़ना पड़ता है अगर आपको सही कानून सही दलील और सही समय का ज्ञान नहीं है तो आप अपनी केस को नहीं जीत सकते| इसीलिए आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ वकील बेहद कामयाब होते हैं और कुछ अपना गुजारा भी नहीं कर पाते|
वकालत बहुत मुश्किल और मेहनत वाला काम है जो इस काम का महारथी हो गया जिसने इस काम को बरसों से अपने अंदर समा लिया वह समाज की सेवा भी करते हैं और अपनी इज्जत भी पाते हैं गणपत सिंह भीलवाड़ा शहर के जाने-माने फौजदारी मुकदमों के गहरी सोच और समझ रखने वाले वकील ह|
व्यवहार से बेहद विनम्र शरीर से उतने ही विशालकाय प्रभावी व्यक्तित्व रखने वाले गणपत सिंह अपनी वकालत के पेशे को काम की बजाए अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पसंदीदा जुनून मानते हैं|
इनकी कामयाबी की कहानी बहुत लंबी है इन्होंने इतने केस लड़े हैं और ज्यादातर 90 से 99% तक अपने सारे केस में इन्होंने जीत हासिल की है| एक लंबी वकालत के दौर से गुजरने के बाद लोगों के मन में सम्मान पाना दूसरी बात है जो कि ज्यादातर वकील नहीं कर पाते या तो उनकी छवि पैसा खाने वाला और खराब बन जाती है परंतु गणपत सिंह इन सब में अपने काम को लेकर बहुत गंभीर और विनम्र होने की वजह से ना सिर्फ अपने क्लाइंट में बल्कि विरोधियों में भी सम्मान पाते हैं|
महिलाओं के प्रति उनके नजरिए को मैंने बेहद गंभीरता से लिया और मैंने पाया कि उम्र में बड़े होने के बावजूद अपने से छोटी महिलाओं को भी बेहद विनम्र और सम्मान से देखते हैं| यह बात कोई अलग से कहने की नहीं है कि इनके पास जो भी महिला आएगी या तो प्रताड़ित या फिर यादव आदि होगी या प्रतिवादी और दोनों ही सूरत में व्यक्तिगत निर्णय होता है कि आप उसको किस तरह से देखे लेकिन गणपत सिंह एक शब्द तस्वीर सामने पेश करते हैं और अपने काम को अपने हुनर को लोगों की भलाई में काम में लेते हैं|
गणपत सिंह अपने इलाके में अपने काम का अपने हुनर का और अपने ज्ञान का इतना प्रकाश फैला रहे हैं कि इनकी विरोधी भी इनसे सीखने के लिए मजबूर है|
इनका कहना है कि कामयाबी अगर आप अपने काम के प्रति निष्ठावान हैं ईमानदार है और बिना यह सोचे कि मुझे कितना पैसा मिलता है इसके बावजूद अगर मैं इस बात पर ध्यान दूं कि इस केस में कितनी गहराई है इसे किस तरह से मैं और बेहतर पेश कर सकता हूं तो उस केस की कामयाबी को कोई रोक नहीं सकता अपनी मेहनत और ईमानदारी सच्चाई से इसको जीतते हैं और दूसरों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करने का काम करते हैं|
हम गणपति जी से उम्मीद करते हैं कि कम से कम उन महिलाओं का जो कि लाचार है मजबूर है और परेशान है और प्रताड़ित है उनकी जरूर मदद करें यह समझते हुए की महिलाओं के पास ना कोई नौकरी होती है ना उनके पास कोई जमीन जायदाद और ना ही उनके पास रिश्ते होते हैं मां बाप ने पहले निकाल दिया पति ने फिर छोड़ दिया और समाज में रहने के लिए उसके पास कोई साधन संसाधन नहीं ऊपर से प्रकृति ने बच्चे उसे दे दिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के प्रति बेहद संवेदनशील व्यवहार करते हुए कुछ समाज सेवा भी अपेक्षित है