ग्लोरिया स्टेनम

भारत मैं रहते हुए मुझे यह समझ में आया कि गोरी चमड़ी का होना बहुत जरूरी है इस चमड़ी के साथ सारे गुण और काली चमड़ी के साथ सारे अवगुण जुड़ जाते हैं जैसे की सारी ताकत और कला पुरुषों में और सारी कमजोरी महिलाओं के साथ जुड़ जाती है यह अलग बात है कि गोरी चमड़ी पर झुर्रियां जल्दी पड़ती है और अल्ट्रावॉयलेट किरणों का भारी नुकसान होता है |

 एक स्टेज पर जब एक महिला को माहवारी शुरू हो गई और उसके कपड़ों पर खून का धब्बा नजर आया तो लोगों में सुगबुगाहट हो गई लोग हंसने लगे तभी उस महिला ने बहुत गर्व के साथ कहा कि आप लोगों को इस बात पर फक्र होना चाहिए कि एक महिला को यहां महावारी हुई है यह जीवन की शुरुआत है किसी भी नकारात्मक सिटी का इतना सकारात्मक उत्तर मैंने आज तक नहीं सुना था इस बात से मुझे लगा कि अगर पुरुषों में महावारी होती तो शायद इसको कमजोरी या घृणा की नजर से नहीं देखा जाता|

 सारी पॉलिटिकल पार्टियां इसकी चर्चा पार्लियामेंट में करवाती और टेलीविजन पर बड़े बड़े चर्चे होते इसको ताकत से जोड़ दिया जाता और पुरुष महिला को यह समझाने में लगे रहते की माहवारी में सहवास करने से ताकत बढ़ती है|

 मोहम्मद  अली के नाम से बनते अली रो पढ़ो और जितने भी सपोर्ट पर्सन है या ताकत और पुरुष है जो इसके बड़े-बड़े एडवर्टाइजमेंट देते और सर्वे में यह पता चलता है कि जिन पुरुषों को उस वक्त महावारी हो रही थी उन्होंने गोल्ड मेडल ज्यादा जीते|

 राइट राइट विंग के पॉलिटिशन और लेफ्ट विंग के पॉलिटिशन इस बात की खास ध्यान रखते की इलेक्शन में पैड मुफ्त में दिए जाएं और एक आम चर्चा होती कि हमने खून दिया है हम खून से लथपथ है हमारा खून बहुत कीमती है और अगर यह खून न हो तो यह पृथ्वी नहीं चलेगी इस तरह से चर्चाएं होती मंदिर में पुजारी तभी हो सकता था लड़का जब उसको पहले महावारी आ चुकी हो|

 बड़ी बड़ी डिबेट होती और महिलाओं को एंट्री कई जगह बंद कर दी जाती क्योंकि वह खून देख कर बेहोश हो सकती थी और महामारी आने पर पुरुषों में होने वाले बदलाव और उनकी कामयाबी की तुलना होती और

 पुरुषों में महामारी के टाइम में होने वाले हार्मोन अल बदलाव के बारे में बड़े-बड़े पर छह छक्के उसको लॉजिक से और कामयाबी से जोड़ दिया जाता|

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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