बिहार में चुनाव कुछ भी बदलाव नहीं चाहिए सब कुछ ठीक-ठाक है

  1. जो   कच्चे घरों में रह रहे हैं वो रहते रहेंगे
  2. जो कम पढ़े लिखे हैं वह मजदूरी करते रहेंगे
  3. जो बीमार है जैसे तैसे अपनी बीमारी को ठीक कर के जीवन जीने का प्रयास करेंगे
  4. इन बच्चों को पढ़ने का शौक है और स्कूल की व्यवस्था अच्छी नहीं है वह किसी तरह उस उस को उसके निकलकर आगे अपना भविष्य बनाने की कोशिश करेंगे
  5. जो विधवा औरतें बच्चे हैं और महिलाएं हैं जिनके जीवन में इस संकट के अलावा भी बहुत सारे संकट है जैसे कि घर से बाहर निकाल दिया खाने को नहीं है शायद आने देती है और भी बहुत सारे तरीके हैं जो कि सिर्फ महिला और बच्चा होने की वजह से आ जाती है वह अपना जीवन इसी तरह निकालते रहेंगे
  6. तो शहर में रह रहे हो शहर में रहते रहेंगे जो गांव में रह रहे हो गांव में रहते रहेंगे
  7. अगले साल फिर भी आएगी बाढ़ का पानी लाएगी और कई घरों को उजाड़ कर चली जाएगी छोटे बच्चे सर्दियों में रहेंगे आर्मी आएगी कुछ लोगों को बचाकर सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड हो जाएंगे
  8. नेता है उनके पापा ने उनको सब सिखा दिया है अब वह छोड़े हैं लेकिन वह समझदार है अच्छी बातें करते हैं भाषण देते हैं वह बड़े नेता हैं उन्हें भी अपनी जुगाड़ का भरोसा है इसलिए वह छोटे को सारे दांव खेलकर के बड़े की जुगाड़ को सही साबित करने की कोशिश करेंगे
  9. गांव में रहने वाली लड़कियों को यह भी पता नहीं है कि अगर उनके आसपास एक रेजिडेंशियल स्कूल हो जिसमें की खाने की व्यवस्था हो सुरक्षा हो और अच्छी शिक्षा हो तो वही बच्चियां इस पूरे देश की पूरे राज्य की प्रदेश की आईपीएस आईएएस ऑफिसर बन सकती है और खुद का ही नहीं पूरी पीढ़ी का भविष्य बदल सकती है लेकिन उन्हें पता ही नहीं है ऐसा कभी होगा ही नहीं क्योंकि ना कभी स्कूल बनेगा ना रेजिडेंशियल कंपलेक्स बनेगा ने उन्हें सुरक्षा मिलेगी ना ही वह स्कूल जाएगी और इस तरह से वह थोड़ी बड़ी हुई उसके बाद मां-बाप शादी कर देंगे शादी के बाद फिर वही किसी के हाथ में उनका जीवन दे देंगे जो कभी दारु मिलेगा मारेगा पिटेगा कभी दूसरी औरत के पीछे भागेगा और इस तरह से उनका जीवन भी तहस-नहस हो जाएगा और उन्हें पता ही नहीं चलेगा कभी कि उनके अंदर कितना डर था वह क्या कर सकती थी इस देश के लिए क्या नहीं कर सकती थी खैर कोई बात नहीं ऐसी बातें बरसों से होती आई है और बरसों से जिंदगी बर्बाद हुई है आने वाले कुछ और भी बर्बाद होगी क्या फर्क पड़ता है
  10. 10. यह बिहार का चुनाव है इसमें कोई एक-दो दी पहचान है जिसका जीवन बदल सकता है और वह भी सिर्फ सोशल मीडिया के चलते बाकी लोगों की जिंदगी में जो जैसा है वह वैसा ही रहेगा यह चुनाव आएंगे भाषण होगा बातचीत होगी कोई नया मीडिया चैनल चल पड़ेगा वह बिना डीआर भी बनाने की कोशिश करेगा लेकिन लोगों का जो हाल है तो बदहाल है वह वैसा ही रहेगा कोई नई बात नहीं है इसलिए हमें भी वैसे ही रहने की आदत हो गई है जैसे हम थे और नेताओं को भी वैसे ही हमें रखने की आदत हो गई है जैसा हम रहना चाहते इसलिए कोई नई बात नहीं है कोई भी पार्टी आए ढांचा बदलने वाला है ना सिस्टम बदलने वाला है ना ही लोगों का जीवन
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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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