कहानी बेचकर कार खरीदनीं है| बिल्ली मैंने खरीद ली है |

1931 में वर्जिन वर्जीनिया वुल्फ  लिखती है कि वह कहानी लिखकर कार खरीदना चाहती है 1931 में जब वर्जिनियां को नेशनल सोसायटी फॉर वुमन सर्विस मैं भाषण के लिए बुलाया तो उनसे पूछा गया कि उनका प्रोफेशन क्या है वर्जिनियां कहती है कि मेरा प्रोफेशन हो मन है मेरा प्रोफेशन लिटरेचर( साहित्य) और मेरे अनुभव क्या है यह यह कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि दुनिया औरतों की बातों को इतना महत्व नहीं देती है और जो गैर जरूरी है वही महिला के विचार है पुरुषों ने महिलाओं के विचारों को इतना महत्व ना देने की परंपरा बनाई है इसीलिए यहबताना बहुत मुश्किल है  की मेरे विचार क्या है|क्योंकि मैं एक महिला हूं इसीलिए मेरे विचार कोई मायने नहीं रखते इसीलिए मैं कह सकती हूं कि एक लेखक को सिर्फ एक पेन कागज और एक कमरे की जरूरत होती है   साथ में पैसा भी जैसे कि उसको कोई अपने घर से सड़क पर ना निकाल दें और उस कमरे में वह शांति से बैठकर लिखें और इस लिखने के लिए विचार जो होते हैं वह  ज्यादातर दिमाग दिमाग में ही होते हैं मिशेल लाशका जोकि वर्जीनिया के बारे में बहुत कुछ लिख चुकी है कहती है कि एक महिला लेखक के लिए सबसे पहले उसका अपना एक कमरा होना चाहिए और साथ में उसके पास पैसा होना चाहिए 19वीं शताब्दी में महिलाएं जब लिखती थी जैसे की फैनी बरनी,आफरा बेन,  जॉर्ज इलियट  जेन ऑस्टिन जेन  वर्जिनियां कहती है कि 19वीं शताब्दी में आपका नाम नहीं समझ में आता है तो समझ लीजिए यह किसी महिला ने लिखा है फिर भीऔर भी कई महिलाएं जिन्होंने लिखने का काम महिलाओं के लिए आसान कर दिया था और जितने भी यह नाम बताए गए हैं इन सारी महिलाओं ने लिखकर अपना जीवन यापन किया यानी कि आप कह सकते हैं कि यह एक तरह से प्रोफेशनल लेखक थी इसके अलावा कोई और काम धंधा महिलाओं के लिए संभव नहीं था जैसे कि और किसी काम में पैसा लगता है और समय देना पड़ता है और और भी बहुत कुछ जो कि 19वीं शताब्दी की समाज को यह मंजूर नहीं था कि महिला जिसको की एक तरह से घरेलू एंजेल की उपाधि दी गई पेट मोर की कविता सेलिब्रेटिंग डॉमेस्टिक ब्लैस 19वीं शताब्दी में लिखी गई सेलिब्रेटिंग डॉमेस्टिक ब्लैस जिसको कहे कहे की घर में महिला को एक तरह की सब सुख सुविधा मिलती है और 19वीं शताब्दी या उससे पहले महिला के लिए घर सबसे सुरक्षित जगह मानी गई है और इस घर में रहने वाली महिला इस तरह से एंजेल एक परी कथा की तरह लगती है विशेषता के हिसाब से अपने बारे में कभी नहीं सोचती और जिसका काम होता है परिवार के पुरुषों को खुश रखना उनका काम करना और उनकीजिंदगी को आसान करना यही  एंजेल है जो अगर बीच बनता है तो लिख लेती है लेग पीस लेती है समय से पहले उठना सबका काम करना सब का खाना बनाना बच्चों की देखभाल घर का हर का सबसे मुश्किल है उसको करने में बहुत माहिर होती है और यही एंजेल वर्जिन लिखने नहीं देती क्योंकि अगर  र्जीनिया बनती है तो यह एंजेल जिसको की बहुत इंटेंसिटी गहराई से जो दूसरों के मरहम समझती है और बहुत ज्यादा चार्मिंग है और अपने बारे में  कभी नहीं नहीं सोचती है यह एंजेल ना लेखक बनने देती है और ना कोई और प्रोफेसर ने देती है क्योंकि महिला के दिमाग में एक एक तरह की  हीन भावना भर्ती है और महिला को यह एहसास दिलाती है कि अगर तुमने अपना समय अपनी बातों को लिखने में या और किसी काम में लगाया तो जो परिवार के लिए समय है उसमें कमी हो जाएगी और यह एक घर की महिला के लिए बहुत बुरी बात है| मेरी वॉइस स्टोनक्राफ्ट कहती है कि एक महिला को खुश रहने का मूलभूत अधिकार होना चाहिए सबसे पहले वह अपने विचारों अपने आप को देखें और उसके बाद किसी परिवार या समाज को महिलाएं स्वयं को अनदेखा कर अपने परिवार व समाज के हिसाब से चलने में लगी रहती है और इसीलिए उन्हीं से शताब्दी में कह दे कि क्या महिला के बाद दिमाग भी होता है यानी कि उसका अपना कोई दिमाग नहीं|

वर्जिनियां आगे कहती है कि मैंने सबसे पहले एंजेल को मारा गला घोट दिया और उसको खत्म कर दिया सारा काम करना मेरे अकेले की जिम्मेदारी नहीं है अभी कोर्ट में पेश किया गया तो मैं कह दूंगी एंजेल ने मेरा जीना दुश्वार कर रखा था और मुझे जीना था इसलिए मैंने उसे मार दिया और जो भी मैंने किया वह खुद के बचाव में किया|

वर्जीनिया को अपने पहले एक किताब के लिखने के बाद जो एक पोंड 6 सीलिंग  मिला था उसका उसने  बटर, जूते जुराब, आटा, साबुन, तेल , रसोई का सामान खरीदने के बजाय एक पर्शियन कैट खरीदी सबसे पहले सोचने लगी मैं अपना अपना खुद का एक कमरा बनाऊंगी जिससे कि मुझे कोई भी लिखने से नहीं रोक सके क्योंकि आज तक महिलाओं के पास उसका खुद का एक कमरा नहीं रहा है जिसमें बैठकर वह शांति से लिख सके इसी कारण शहर की बहन भी कभी नहीं लिख पाई क्योंकि उसके पास में कोई पैसा था ना उसका अपना कोई कमरा था और उसके विचार समाज की नजर में कोई मायने नहीं रखते थे शेक्सपियर समाज में बहुत बड़े लेखक हो सकते हैं लेकिन उनकी बहन नहीं शेक्सपियर की बहन के पास कमराकैमरा तो निश्चित रूप से नहीं था परंतु उसकी अपनी कोई आमद नहीं थी और उसके पास मेरे पास था न पैसा था न मकान था मैं अपना कोई घर था और ना ही उसके विचारों को सुनने वाला कोई समाज ना ही उसके लिखे हुए किसी नाटक या कहानी को छापने वाला कोई छापाखाना शेक्सपियर की बहन में बहुत  सारा टैलेंट भरा भरा होने के बावजूद भी पढ़ने लिखने के अवसर नहीं मिलने की वजह से वह कभी भी एक अच्छी लिखता नहीं बन पाई एक अच्छी लेखिका नहीं बन पाई क्योंकि इस समाज में सिर्फ पेड़ की बहन को न पढ़ने लिखने और अपने विचारों को प्रस्तुत करने का मौका नहीं दिया जबकि शेक्सपियर  पुरुष था इसलिए एक महान लेखक बन गया और यही बात चार्ल्स डिकेंस के साथ भी लागू होती है जिसने की22 साल की शादी में 20 साल की पत्नी गर्भवती रही और उसके बाद उसको छोड़ दिया  और अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने से कई साल छोटी महिला के साथ रहने लगा| समाज में महिला के पास उसका अपना मकान उसकी एक आम अदमी उसके पास लिखने का पेन और कागज नहीं होता शेक्सपियर की बहन कभी पार्क में कभी किसी रेस्टोरेंट में और कहीं सड़क पर बैठकर लिखने का प्रयास करती रही और जो कुछ लिखा उसको सभी ने छापने से मना कर दिया इसीलिए आज हम नहीं जान पाए शेक्सपियर की बहन के मन में क्या था और वह क्या सोचती थी समाज को लेकर

इसीलिए आज वर्जिनियां कहती है कि मैं एक कहानी लिखकर ना की रसोई का सामान नहीं खरीदने वाली और ना ही किसी को यह कहने वाली हूं कि तुम आकर मेरी परेशानियों को दूर करो मुझे कहानी लिखकर कार खरीदनी है अब मैं अपने दिमाग में बैठी थी उस अच्छी सत्य की मूर्ति और समाज को अपना सब कुछ देने वाली एंजेल को खत्म कर दूंगी मैंने उसका गला घोट दिया है उसको मार दिया है और अब मैं एक लेखक हूं मैंने बहुत हद तक बाहरी अवरोधों को को खत्म कर दिया है लेकिन मेरे अंदर के अवरोध जिसमें कि मैं समाज के बारे में अपने सेक्स के बारे में और बाकी बातों के बारे में बात करूं यह अभी बहुत मुश्किल है क्योंकि कहीं ना कहीं वही एंजेला करके बार-बार मुझे रोकती है और मुझे मना करती है कि यह विचार समाज में नहीं रखनी है इन विचारों को कोई सुनने वाला नहीं है तुम रूको हेलो यह क्या कर रही हो क्या लिख रही हो अभी वह एंजल मेरे दिमाग में बैठी हुई है और मुझे उस को खत्म करना है और लिख करके एक कार खरीदनी है मेरा कमरा और एक बिल्ली

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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