पिता का दर्जा समाज मे बहुत ऊंचा होता है । पिता बच्चो का आदर्श होता है। पिता को अपनी उम्र का अहसास होता है। पिता को अपनी मर्यादा होती है। और पिता यह भी जॉनता है कि बच्चे उसको किस नज़र से देखते है। बच्चे अपने दोस्तों में अपने पिता की बहुत बड़ा चढ़ा कर तारीफ करते है उनके बारे में बड़ी बड़ी बातें बोलते है मेरे पापा इंतने ताकतवर है मेरे पापा ने ये कर दिया।ओर सामने वाले को यह बताते है कि उनके पिता से बढ़ कर कोई और ताकतवर नही। परन्तु जब कोई बचकाना पिता अपने बच्चो को भूल कर किसी महिला में रमने लगे। उसका गुलाम बनने लगे। बच्चो की माँ का रंग रूप नही देखा जाता है वो मा होती है बस मा।ओर मा कभी बदसूरत नही होती।भले की वो बन्दरकुमार की माँ की क्यो ना हो बन्दर की नज़र में वो सब से सुंदर है इसी तरह से सब बच्चो को उनकी माँ पसंद है।पर बन्दर कुमार पिता बनने के बाद भी जब प्रेमिका तोतली माई के साथ फ़ोटो खींच कर इतराने लगे तो उस आदमी के लिए बस यही एक नाम उपयुक्त है और वो है बन्दर कुमार। बन्दर का बदर ही रहेगा कभी नही सुधारने वाला। बन्दर कुमार कहो , धुरंदर कुमार कहो। लंगूर कहो एक ही बात है। वैसे मेरे दर्शक बन्दर कुमार से ज्यादा परिचित है तो हम प्रमुख नाम बन्दर कुमार ही कहेंगे। अब बात दर असल यह है कि यह बन्दर कुमार क्या बाप की तरह इज्जत पाने का हक रखता है नही नही कभी नही। जो बचकाना है दूसरो की मेहनत पर पला है जिसको अपने बच्चो के मन को समजने का कक्का भी नही आता है बिल्कुल नही आता है जी तो एमते की टोपी मेंमते पर रखना जनता है। खेर ऐसे बापो के बच्चे उनसे ज्यादा समजदार होते है बच्चे जब देखते है कि पप्पा प्रेमी बन गया। तक फिर उसको ज्यादा तवज्जो नही देते। पापुआ को बन्दर की तरह भाव देते है। अब राजू बन गया जेंटल मैन तो अपने सुना होगा। यहाँ बनेगा। रबन्दर कुमार बनगया। प्रेमी कुमार। है है नाम हे बन्दर ओर काम है लड़कियों के पीछे भागना। नाम तो सुना होगा। है। यह अमिताभ का बहुत कामयाब डायलॉग है। है नाम तो सुना होगा बन्दर कुमार हमारी तुकबन्दी में बन्दरकुमार सही जंच रहा है। तो में कह रही थी। बन्दर उम्र से बड़े हो गए पर अक्ल अभी घुटनो तक ही रह गयी। यानी की बाकी लोग तो कहेंगे। रहे बन्दर के बन्दर। खेर। आप उनसे पूछे वो बन्दर प्रेमी के रूप में बड़े खुश है। बच्चो का ध्यान बच्चो की ज़रूरतें ओर उनको समजना इन बंडलों का काम नही।। खेर दुनिया मे सब तरह के लोग है इनको भी जीने का हक तो है ही अब बॉप भी बहुत लोग बनाते ये भी इस नैसर्गिक सुख की कल्पना तो कर ही सकते है । ज़मीनी हकीकत से कोसो दूर एक दुनिया है बन्दर कुमार प्रेमी के दिमाग की दुनिया। जिसमे वो खुद हु अपना हीरो है। खुद की कसीदे काड़ता है खुद को शाबाशी देता है। फिर एक फोटो शान से बन्दरी के साथ छाप देता हेउस्को w