365 दैनिक लास्ट लाइन न्यूज़|
जो अखबार आप और हम हमेशा सुबह देखते हैं इस अखबार को तैयार करने में कितने लोगों की मेहनत होती है और कितने लोग पूरा दिन लग करके इसको तैयार करते हैं इसका अंदाजा सिर्फ उन लोगों को है जो या तो इस व्यवसाय से जुड़े हैं या किसी तरह जानने में उत्सुक हैं अखबार के छापने में समय का कितना बड़ा योगदान है और काम को समय पर निपटाना कितना जरूरी है यह उन लोगों से पूछे जो इस व्यवसाय से जुड़े हैं अखबार कोई काम नहीं होता आवाज होती है तो सारी खबर आपको देती है आप और हम घर में सो रहे हैं फिर भी आपको पूरी दुनिया की खबर मिल जाएगी लास्ट लाइन न्यूज़ अखबार को आज पूरे 365 दिन हो चुके हैं और इस अखबार को चलाने में उन सब लोगों का सहयोग रहा जिन्होंने दिन रात लगे सब कुछ छोड़ कर जिन्होंने इस पर काम किया उस बात को नहीं बुलाया जा सकता पंजाब हरियाणा राजस्थान दैनिक हिमाचल उत्तरी भारत के हर राज्य में हर घर में पहुंचने वाला अखबार दैनिक लास्ट लाइन न्यूज़
जयकुमार शुरुआत के सिपाही हैं और वह योद्धा है जिन्होंने शुरू से एक-एक दिन एक-एक पल एक-एक दिन का मर्कर इस मिशन को शुरू किया और इस मिशन में उन सब लोगों को जोड़ा जोड़ना सिर्फ काम को महत्व देते थे बल्कि इसको करना उनके जीवन का मकसद है मैडम मंजू इस भवन में लगने वाला वह पत्थर है जो न्यू में दबा हुआ है लेकिन उसकी जमीन में गाड़ने से यह इमारत खड़ी हुई है इसके अलावा एडिटर न्यूज़ रिपोर्टर अभी वो लोग जो सीधे तरीके से अखबार से जुड़े हैं आज के इस जन्मदिन के जश्न की खुशी के हकदार हैं |
सारे लोग आपको ऐसे मिल जाएंगे जो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और जिनके पास बड़े-बड़े सपने होते हैं लेकिन उसमें से एक किसी छोटे से सपने पर चलना और काम को करना हर किसी के बस की बात नहीं होती दैनिक लास्ट लाइन न्यूज़ ने न सिर्फ एक पत्रकारिता का चेहरा बदला है बल्कि इमानदार पत्रकारिता को स्थापित किया है पंजाब की हर एक खबर आसपास के राज्य हरियाणा राजस्थान महाराष्ट्र हिमाचल जम्मू कश्मीर उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और देश दुनिया में सब जगह अपनी खबर को पहुंचाने वाला दैनिक लाश लाइन न्यूज़ आने वाले समय में एक नया स्तंभ स्थापित करने वाला है हमें गर्व है इस बात का हमेशा अखबार से जुड़े हैं और समाज को वह सब सच्चाई दिखा पा रहे हैं समाज में उन लोगों के बारे में बात कर पा रहे हैं उनको हमेशा नकारा गया है आज का जश्न उन लोगों का जश्न है जिनको अखबार में जगह नहीं मिली आज का जश्न उन पीड़ितों का जश्न है जो अकेले दुख में थे और आज का जश्न ईमानदारी का जश्न है कर्मठता का जश्न है मेहनत का जश्न है दैनिक लास्ट लाइन न्यूज़ आने वाले समय में भारत में पत्रकारिता का चेहरा बदलने की हिम्मत रखता है और वही हम करने जा रहे हैं |
पत्रकारिता एक जुनून है एक मकसद है जिसमें आराम नहीं है जिसमें पैसा नहीं है और जिस में न्याय दिलाने की तड़प है और उन लोगों तक पहुंचने की सड़क से जून को आज तक किसी ने सुना नहीं और मजलूम आओ की बच्चों की और लाचार हो कि जो पड़े रहे करते रहे ना उन्होंने किसी ने पूछा ना उनकी बात किसने कही लास्ट लाइन न्यूज़ हर उस व्यक्ति तक पहुंचता है जिसकी आवाज को कोई सुनना नहीं चाहता दैनिक लाइन न्यूज़ बाबा साहब के उस कदमों पर चल रहा है जिसमें बाबा साहब ने कहा था कि लोगों तक पहुंचना अपनी आवाज को जाना बहुत जरूरी है|