समाज के सवाल?

हम में से बहुत लोग इस बात से परेशान है कि हमारे आसपास के लोग हमसे सवाल करते हैं | तुम्हारी जात क्या है? घर में आमद कितनी है ??घर में कितने लोग हैं कहां जाते हैं ?? इनके घर में झगड़ा होता है कि नहीं होता है? अच्छा तो इनकी बेटी का कहीं लफड़ा चल रहा है? और तुम्हारा पति कहां चला गया ?हमारा तो हमारे पास में है| अच्छा इसके दो ही बेटियां है तीसरी के लिए ट्राई कर रहे हैं ?और यह पति पत्नी कभी लड़ते ही नहीं है? और यह देखो बहुत लड़ते हैं ? इसका पापा कहां है? मम्मी कहां चली गई? आप कौन से मोहल्ले में रह रहे हो? कहां से शिफ्ट हुए? वहां क्या परेशानी थी? वाइफ नौकरी करती है? नहीं करती है तो क्यों नहीं करती है?

 और इससे भी सबसे बड़ा सवाल

 सवाल सवाल सवाल सवाल सवाल सवाल सवाल हमारा समाज बहुत सारे सवाल खड़े करता है |और इन सवालों के पीछे का मकसद अगर आप जानेंगे तो आप समझेंगे कि लोग सवाल क्यों करते हैं?

 अक्सर आपने देखा होगा कि हम जब नए मकान में नहीं जगह जाते हैं तो लोगों को बड़ी उत्सुकता होती है| हमारे बारे में सब कुछ जानने की कितने लोग हैं| क्या है क्या सामान है? कहां से आए हैं ?आर्थिक व्यवस्था कैसी है ? सब कुछ जानना चाहते हैं ?और जब लोगों को तसल्ली हो जाती है तब हमारे बारे में जान लेते हैं| तो फिर वह हमें हमारी औकात के हिसाब से सम्मान परोस देते हैं |अच्छा तुम्हारी औकात यह तो तुम्हें इतना ही मिलेगा तुम तो 10 का हकदार हो 20 तो हम नहीं दे सकते|

 भारतीय समाज की एक खास बात है कि वह इतने सवाल करता है इतने सवाल करता है कि लोग अपने काम को क्रिएटिविटी को लेखन को कोई पेंटिंग फिल्म कुछ भी और कर रहा है उसको छोड़ कर उसके जीवन का मकसद बन जाता है इन के सवालों का जवाब कैसे दे

 एक बात समझ ना ज्यादा जरूरी है राजन यूएसए का एक युटुब चैनल है उसमें वह बताते हैं कि अमेरिका में 15 से 20 साल हो गए रहते हैं और आज तक उनको नहीं पता क्योंकि पड़ोस में क्या है कौन है और अमेरिका में कॉलोनी इसमें किसी को नहीं पता होता आपके घर में कौन आता है कौन चाहता है किसी को किसी से कोई मतलब नहीं|

 यह समाज को  कैसे देखा जा सकता है  1 समाज इतने सवाल करता है  दूसरा समाज कुछ पूछता ही नहीं|

 इसको शायद मानव समाज की उन्नति का एक पहलू कह सकते हैं| जिसमें जब हम ऊपर उठने लगते हैं तो ऐसी बहुत सारी चीजें की किसी की जिंदगी में क्या हो रहा है| वह मायने नहीं रखती बजाय इसके कि आप अपनी लेबोरेटरी में जाकर काम करें अपनी लाइब्रेरी में जाकर कोई अच्छा आर्टिकल लिखें अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं कि खेल में स्वर्ण पदक लाए या कुछ और और अपनी जिंदगी अपनी तरह से  जी  ले |

 भारतीय समाज में जब तक यह सवाल कि तुम्हारा पति कहां गया है तुम्हारे बच्चे कहां है उसकी पत्नी का किस से चक्कर चल रहा है इन सवालों से जब तक हम लोग रहेंगे नहीं आपको हर मोहल्ले में कोई एक न एक महिला या पुरुष ऐसा मिल जाएगा जो उस पूरी सोसाइटी की इनसाइक्लोपीडिया होता है उसको सब पता होता है इसके घर में क्या बन रहा है इसकी गार्डन में कौन सा फूल खिला है सब कुछ लेकिन अपने परिवार और अपने घर के बारे में कुछ नहीं पता यह शायद अभी हमारे समाज  कि  अपरिपक्वता का द्योतक है |

जागो भारत जागो

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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