मूल्य विहीन जनता बर्बाद देश |

  1. भारत देश में अगर ट्रैफिक  गलत तरीके से बात करते हुए पकड़े जाएं तो माफी मांगने के बजाय और गलती सुधारने के बजाय पुलिस वाले को ले देकर निपटाने की कोशिश करते हैं
  2.  परीक्षा परीक्षा में किसी तरह की  चीटिंग करके पास होने की कोशिश की जाती है यहां तक कि पूरा का पूरा खानदान लग जाता है कि बच्चे को किसी तरह मीटिंग करा कर नकल करा के पास करा दिया जाए
  3. अगर सरकारी नौकरी लग गई है तो यह समझो कि काम करना ही नहीं है पैसा आता रहेगा और सरकारी संस्था के जितने सामान है अपने घर पर ले आओ और अपने घर को मोहल्ले को भर लो संस्था को बर्बाद कर दो
  4.  हर व्यक्ति जो सरकारी संस्था में काम करता है सोचता है कि किस तरह में वहां के काम करके बच्चे अपने काम धंधे पर ज्यादा ध्यान दो
  5.  बच्चे बच्चे पढ़ नहीं रहे हैं तो मां-बाप स्कूल में टीचर में जाकर खरी-खोटी सुनाकर आ जाते हैं यह नहीं सोचते कि हम कितना टीवी देख रहे हैं हमारे घर का माहौल कैसा है हमारा बातचीत का तरीका कैसा है हमारा आपसी व्यवहार कैसा है
  6.   हमारे देश में जितने भी  मदर इन लॉ है वह सोचती है कि बहू के रूप में एक नौकरानी मिल गई है इसको कुछ भी कहने का उसके परिवार के बारे में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं जन्मजात मिला है उस लड़की की इज्जत करने और उसकी उन्नति के बारे में सोचने के बजाय किस तरह इस को दबाया जाए कैसे इसका जीवन बर्बाद किया जाए मदर इन लॉ का पूरा उम्र का तकाजा इसी में भी जाता है
  7.  सड़क पर चलने वाले लड़के सोचते हैं कि किस तरह लड़कियों को परेशान किया जाए उन पर तेजाब फेंका जाए इस तरह किसी दूसरे का जीवन बर्बाद किया जाए
  8.  बड़ा दुकानदार सोचता है कि किस तरह छोटे दुकानदार को खत्म किया जाए और किस तरह में अपना धंधा आगे चाहे नैतिक मूल्य रहे ना रहे
  9.  मोहल्ले में घर बनाने वाला सोचता है कि सारी की सारी सड़क अपने घर के अंदर ले लूं और बाद में उस खाली जगह को सोचता हूं लेकिन गाड़ी की पार्किंग में पूरे मोहल्ले में आधा जीवन इसी में भी जाएगा पर किसी को सोचने की फुर्सत नहीं है
  10.  बिजली का कनेक्शन लिया तो सोचते हैं सारी बिल्ली काम में ले लेकिन पैसा एक ना देना पड़े
  11.  जो जाति व्यवस्था चली आ रही है उसको छोड़ना नहीं है पर उसके साथ सारे फायदे मिल जाए यह भी ठीक है
  12.  महिलाओं की स्थिति बद से बदतर हो इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन महिलाएं आपके लिए काम करती रहे और नौकरी भी करें घर ही संभाले और पुरुष होने के नाते हम कोई सहायता नहीं करेंगे यह भी ठीक है
  13.  बच्चे की तरफ जा रहे हैं क्या कर रहे हैं यह देखने की फुर्सत नहीं है पिताजी को लेकिन परिणाम बहुत अच्छा चाहिए
  14.  जो मजदूर है वह सोचता है कि पैसा मिले और काम बिल्कुल ना करूं
  15.  ठेकेदार है वह सोचता है कि ठेका मिल गया घटिया से घटिया माल लगाकर काम बना दूं अब उसके बाद जाए फुल टूटे लोग मरे कुछ भी हो
  16.  हर व्यक्ति देश में जब अपने नैतिक मूल्य और अपनी ईमानदारी को छोड़कर चलेगा तो उस देश की बर्बादी निश्चित है और यही भारत के साथ हो रहा है किसी को दोष देने की जरूरत नहीं है हमें सिर्फ अपने हिस्से की इमानदारी  अपनानी है
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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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