पिता द्वारा प्रताड़ित बच्चे |
हमारे देश में छोटे बच्चों की संख्या बहुत अधिक है खासतौर पर 14 साल से नीचे बच्चों में इस बात का पूरी तरह से एहसास होता है कि वह कहां सुरक्षित है और कहां नहीं बच्चे छोटे होते हैं लेकिन वह अपने आसपास की हर परिस्थिति को अपनी नजर से समझते हैं और उसमें वह अपनी जगह ढूंढने की कोशिश करते हैं आप जो भी बोल रहे हैं आप जो भी चेहरे के भाव दिखा रहे हैं या आपका जो भी बॉडी लैंग्वेज है आपको लगता है कि बच्चा छोटा है 3 साल का है 4 साल का है ऐसा नहीं है बच्चे सारी बातें समझते हैं उनको नहीं आती लेकिन हाव-भाव आवाज की ऊंचाई नीचे आई हर चीज अच्छे समझते हैं यह भी जानते हैं कि कौन उनका ध्यान रख रहा है कौन उनसे प्यार करता है कौन उनके लिए सही है इसीलिए जहां पर उनको कंफर्ट मिलता है जहां पर उनको अपनी बात कहने का मौका मिलता है अच्छा हमेशा वही रहने की कोशिश करता है किसी चीज को समझते नहीं है जैसे कि आपके पास पैसा है रुतबा है या आपके पास बड़ी गाड़ी है आपके पास में कितना पैसा है इससे बच्चों को फर्क नहीं पड़ता आप छोटी सी टॉफी दे दीजिए उसमें उसको खुशी मिलती है आप ₹10 का पैकेट दे दीजिए उसमें खुश हो जाता है इसीलिए शायद बच्चों का व्यापार पूरी दुनिया में सबसे महंगा व्यापार है जिन्होंने जिन्होंने मानवता को कीमा बना लिया है वही लोग इस तरह का काम करते हैं
अब हम इस बात की चर्चा करने जा रहे हैं वह है उन बच्चों का क्या जो अपने पिता से ही खौफ खाते हैं या उन बच्चियों का क्या जो अपने पिता के सामने ही सुरक्षित नहीं है यह एक भयावह स्थिति होती है उस बच्चे की मानसिकता की कल्पना भी नहीं कर सकते जब से यह पता चलता है कि उसका पिता उसे मारना चाहता है उसका पिता उसको नफरत करता है या उसका पिता किसी दूसरी औरत के चक्कर में अपने बच्चे को प्रताड़ित करता है आप और हमारे लिए बहुत सारे कारण हो सकते हैं जो भी आप काम कर रहे हैं लेकिन छोटे बच्चे के लिए उसकी पूरी दुनिया खत्म हो जाती है वह इस सबके अलावा कुछ सोच ही नहीं पाता उसकी पढ़ाई लिखाई उसका काम उसका खेलना और उसका दिमाग जब इन सब में जाता है तो उसके शरीर का बढ़ना उसका सब कुछ खत्म हो जाता है बच्चों का दिमाग बहुत निर्मल होता है चीजों को जैसा देखते हैं वैसा ही समझते हैं अब समझाने की कोशिश करेंगे उसमें वह समझने की कोशिश करते हैं लेकिन सबसे खतरनाक स्थिति यह आती है जब यह समझता है कि उसका पिता है उसे प्यार नहीं करता या उसके अपने पिता ही उसको गलत तरीके से देखता है मारता है प्रताड़ित करता है किसी और की वजह से उसको प्रताड़ना झेलनी पड़ती है ऐसे बच्चों की स्थिति बहुत भयावह होती है और हम बहुत ज्यादा ऐसा नहीं देखते हैं कि हमारे आसपास में ऐसा कोई माहौल है इसमें बच्चों को हम इन सब बातों से दूर रहने की कोशिश करें दरअसल भारत में अधिकतर जनसंख्या अपने ही जीवन और मुसीबतों में ही रहती है उन्हें बच्चों के बारे में सोचने का टाइम ही नहीं होता है उनके लिए यह जरूरी होता है और इसीलिए आने वाली पूरी एक पीढ़ी खासदार डरी हुई और अकर्मण्य हो जाती है|
दो बेटियां जिन्होंने हमेशा देखा कि उनकी मम्मी पापा लड़ते हैं थे पापा मम्मी को मारते हैं और उसके बाद वही पिता जब एक बच्ची के साथ अनैतिक कार्य करता है तो उस बच्ची की हिम्मत नहीं होती है उसका विरोध करने की क्योंकि उसे पता है मां कुछ कह नहीं पाएगी नानीकी कोई औकात नहीं है यहां से जाएगी तो कहां जाएगी और बताइए समझ पाता है कि कहां रहेगा कहां खाएगा क्या करेगा कौन उसको देख इसीलिए वह अपने सर्वाइवल को देखते हुए उस प्रताड़ना को जीने की आदत डाल लेता है यह बहुत भयावह स्थिति इसमें लड़की भी उतनी ही प्रताड़ित होते जितने की लड़कियां क्यों ना हम कुछ ऐसा प्रयास करें कि इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित करें समाज में हम सब क्या कर रहे हैं लोग होटल में जाकर खाना खाने में इंटरेस्ट है नए कपड़े खरीदने हैं दिवाली बनानी है लेकिन समाज में किसी को भी यह समय नहीं है कि उन बच्चों के साथ समय बिताया जाए या समाज का एक तबका उन बच्चों की खैर खबर ले जिनके जीवन में सब कुछ खत्म हो गया है क्या हम यह काम सिर्फ कुछ एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर छोड़ने से काम चल जाएगा सबको अपना काम करना है लेकिन समाज में उस वर्ग को कोई नहीं देख रहा है जो लाचार है छोटा है प्रताड़ित है और वही आने वाले भविष्य की एक डरावनी तस्वीर पेश करने वाला है|