तू जिंदा है शैलेंद्र 1950

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर ।

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

तू ज़िंदा है ।

ये गम के ओर चार दिन सितम के ओर दिन।

ये दिन भी जाएंगे गुज़र गुज़र गये हज़ार दिन।।

कही तो होगी इस चमन पेभी बहार की नज़र।

अगर कही है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।।

तू ज़िंदा है ।

सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर ।

तू सुन ज़मीन गया रही है कब से जूम जूम कर ।।

तू आ मेरा शृंगार कर तू मुजे हसीन कर ।

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

तू ज़िंदा है।

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर ।

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

 

हमारे कारवाँ को मंज़िलो का इन्तज़ार है ।

ये आंधियो ये बिजलियों की पीठ पर सवार है ।।

तू आ कदम मिला के चल चलेंगे एक साथ हम ।

मुसीबतो के सर कुचल बढ़ेंगे एक साथ हम ।।

तू ज़िंदा है।

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर ।

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

 

बुरी है आग पेट की बुरे है दिल के दाग ये ।

न दब सकेंगे एक दिन बनेंगे एक दिन इंकलाब ये ।।

गिरेंगे जुल्म के महल बनेंगे गिर नवीन घर ।

तू ज़िंदा है

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

 

हज़ार भेष धर के आयी मौत तेरे द्वार पे ।

मगर तुजे न छल सकी चली गयी वो हार कर।।

नई सुबह के संग सदा मिली तुजे नई उमर अगर कही ।है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

तू ज़िंदा है

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर ।

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

 

ज़मी के पेट मे पली  अगन पले है ज़लज़ले ।

टिके न टिक सेकेंगे भूख रोग के स्वराज ये।।

मुसीबतों के सर कुचल चलेंगे एक साथ हम।

तू ज़िंदा है

तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर ।

अगर कही से स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर ।।

Picture of Dr. Anju Gurawa

Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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