जाति है कि जाती नहीं| दलित बेटी का ही बलात्कार

अगर हम भारत में महिलाओं के बलात्कार की बात करें तो ठाकुरों की लड़कियों का बनियों की लड़कियों का पंजाबी अपर कास्ट ब्राह्मण लड़कियां या और भी उच्च वर्ग की लड़कियां जो आर्थिक और सामाजिक रुप से समर्थ है उनके साथ बलात्कार और जघन्य अपराध की बात असल कुछ हद तक नहीं है जितना कि दलित जनजाति और बहुजन समाज की महिला के साथ  है इसका मतलब यह नहीं है कि महिलाओं की स्थिति अच्छी है या महिलाओं के साथ बलात्कार नहीं होता| बलात्कार होता है जाति विशेष के आधार पर अपराधियों को छोड़ने के तरीके मालूम है समय के साथ लोग भूल जाते हैं और फिर कोई नया अपराधी प्लान बनाता है कभी किसी लड़की को कहां पकड़ना है इस तरह से जघन्य अपराध करना है और छूट जाना है|

 लेकिन हकीकत यह है कि बलात्कार करने वाला ठाकुर का लड़का 18 साल का हो या 28 साल का 48 और58  या 68 78 98| और कोई बड़ी बात नहीं है सच्ची बात यह है कि दलित महिला और गरीब की बेटी इसमें किस जाति एक बहुत बड़ा कारण है ठाकुर को बढ़िया राजपूत ब्राह्मण को आसानी से समझ में आता है कि इसका बलात्कार करो यह भूखे नंगे बीमार कमजोर लाचार लोग कुछ नहीं कर पाएंगे मीडिया थोड़ा हो हल्ला करेगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा|

बलात्कार करने वाला जानता है कि वह क्या क्राइम कर रहा है उसकी सजा कितनी मिलेगी और कौन लोग हैं जो उसे सजा तक ले जाएंगे इसके साथ अत्याचार करते हैं उसकी औकात उसको पता होती है सब कुछ जानने के बाद ही इस तरह के क्राइम को पहले दिमाग में सोचा जाता है प्लानिंग की जाती है और फिर अंजाम दिया जाता है

नहीं है यह कोई नई बात नहीं है कि किसी दलित बेटी का बलात्कार अभी हुआ यह जघन्य अपराध हुआ इससे पहले 3 महीने की बच्ची 6 महीने की 15 साल से कम उम्र की और किसी भी उम्र की महिला गांव शहर कस्बा कहीं भी आप देख लीजिए और इस क्राइम के पीछे जाति को आप भूलने की गलती ना करें जाति बलात्कार का मुख्य आधार है पर सदियों से जो परंपरा चली आ रही है कि घर की परिवार की महिलाओं को बेइज्जत करो और उस परिवार से बदला ले लो इस भावना से अभी तक हम उबर नहीं पाए हैं |

जो 4 लड़के हैं जिन्होंने इस लड़की का बलात्कार किया सब कुछ सोच समझकर कहां पकड़ना है कैसे लेना है क्या करना है उसके बाद क्या होगा इसके बाद क्या होगा  अपराधी सब कुछ प्लानिंग के तहत काम करते हैं छूटने के रास्ते पहले तैयार करने के बाद ही अपराध को अंजाम दिया जाता है कानून व्यवस्था अच्छी है या बुरी है इस सवाल से बड़ा सवाल है कि कानून का पालन कौन करता है कैसे करवाता है अच्छा या बुरा नहीं जो लोग  इसकी पालना करते हैं वही अच्छे या बुरे हैं |

 जिन पुलिसवालों ने  सुबह के 3:00 बजे लाश को जला दिया उनकी जाति का थोड़ा विवरण लिया जाए अरे सीधी सी बात है अगर आज ठाकुरों के घरों में आग लग जाती है उनकी दुकानें जला दी जाए यह ठाकुरों को फूलन देवी की तरह गोली मार दी जाए तो शायद थोड़ा अपराध कम हो हमारा मकसद अपराध अपराध नहीं है लेकिन दलित की बहुजन की बेटी का ही बलात्कार क्यों उसकी महिला के ऊपर ही शारीरिक उत्पीड़न अंबेडकर ने साफ कहा था कोई भी देश का कानून अच्छा या बुरा नहीं होता बस उसको चलाने वाले लोग बुरे होते हैं|

 खाप पंचायत हमारे यहां की दुरुस्त व्यवस्था है हमारे यहां महिलाओं को प्रताड़ित करने के सारे हथियार उपलब्ध है और उसमें कितनी सजा मिली कब मिली कैसे मिली भी सबको पता है पुलिस और कानून के रक्षक अपराध को बढ़ाने की संस्थाएं बनने का काम करने में सक्षम है क्योंकि जो लोग संविधान को चलाते हैं तो बेईमान है वह ईमानदार नहीं है और अपने मन में घृणा नफरत लेकर चलते हैं इसीलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इसके बाद फिर कोई ऐसी घटना होगी उससे भी ध्यान रखो और फिर हम मीडिया की रिपोर्ट देखते रहेंगे हम कानून के बीच में फस आएंगे फिर एक लंबा समय जाएंगे और कुछ नहीं होने वाला

 अपराध करने वाला जानता है कि किस समाज की किस उम्र की किस गांव की दलित अछूत और जनजाति महिला को पकड़ना है प्रताड़ित करना है और फिर जाना है ऐसे लोगों ने समाज के हीरो भी बन जाते हैं अपराधी हो सकता है यही चार अपराधी बाद में किसी पार्टी के नेता बने अगले 10 साल इंतजार करिए यह  हकीकत भी सामने आ सकती है|

Picture of Dr. Anju Gurawa

Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

Leave a Replay

Leave a comment

Sign up for our Newsletter

We don’t spam you and never sell your data to anyone.