कभी मज़ाक या बस युही आप किसी के बारे में लिखे बोले या सोचे तो चलता है। ऐसा करने से आप को आनंद आये और कुछ सकारात्मक हार्मोन्स शरीर मे दौड़ जाए तो ठीक है यह व्यंग हो सकता है । या कटाक्ष भी ।अगर आप लिखते है तो लिखते रहे। एक मजाक भी । एक सीख या बस आप को मजे लेने है तब तो ठीक है पर असल मे लोगो का व्यवहार आप के लिए महत्वपूर्ण नही होना चाहिए। हमारे दिल्ली विश्वविद्यालय में जूलॉजी विभाग में बहुत जाने माने प्रोफेसर है। प्रोफेसर उमेश राय जी के सामने में एक बार मे एक समस्या ले कर उनसे मिली तब सर ने एक बात कही जो मुजे हमेशा याद है और जीवन भर याद रहेगी।प्रोफेसर उमेश राय सर ने कहा की क्या तुम इस बात को ले कर दुखी ह्यूई की कुर्सी का आकार प्रकार ऐसा क्यो है।इसी तर्रह हर इंसान का भी आकर प्रकार होता है जो जुठ बोलता है बोलेगी जो दहेज लेते है वो लेंगे जिसको महिलाओ के पीछे भागने का है वो भागेगा। फिर दुखी क्यो होना। जो लोग अभी परिपक्व नही हुए है वो लोगो के व्यवहार को लेकर दुखी है वरना एक अनुभवी इंसांकभी भी लोगो के व्यवहार से दुखी नही होता।