हमारे समाज में पुलिस के बारे में बहुत अच्छा लोग नहीं है और इस सोच के पीछे बहुत वर्षों से एक विचारधारा जो बनी हुई है वह बहुत बड़ा योगदान देती है|
अगर आप नजदीक से देखें तो महिला पुलिस कर्मियों का दर्द बेहद गहरा है क्योंकि नौकरी लगने के बाद भी एक महिला होने के नाते वह मां होती है और घर का बाकी काम भी उसको देखना पड़ता है यहां तक कि एक महिला कर्मचारी जो कि 3 दिन 4 दिन लगातार बिना घर जाए कई बार खड़े रहकर अपनी ड्यूटी देती है जैसा कि अभी किसान आंदोलन के तहत चल रहा है एक महिला पुलिस अधिकारी सुबह 8:00 या 9:00 बजे जब थाने पहुंचती है उसके बाद 8:00 बजे शाम तक पुलिस थाने में अपना काम निपटा दी है जो कि उसको बाकी के कैसे देखने पड़ते हैं उसके बाद रात को उनकी ड्यूटी बंदोबस्त में लग जाती है और इस तरह से किसी का 3 साल का बच्चा है किसी का बहुत छोटा बच्चा है और घर की सारी जिम्मेदारियां है उसके बावजूद अपने मन को मजबूत कर यह महिला कर्मचारी आपको रात के 12:00 बजे भी किसी बंदोबस्त में खड़ी नजर आएंगी|
कभी किसी ने सोचा है कि किस तरह से यह महिला अधिकारी पुलिस की वर्दी पहन कर अपनी तकलीफ और दर्द को छुपा कर देश की सेवा में लगी रहती है ज्यादातर पुलिस अधिकारी अपना फर्ज निभाते हैं अपना काम करते हैं और जिस तरह की सुविधाएं पुलिस वालों को दी जाती है उनके काम के सामने कुछ भी नहीं|
काम का बहुत ही ड्यूटी का टाइम वही और जो प्रेशर पुलिस पर होता है वह भी वही लेकिन एक महिला होने के नाते उसकी जिम्मेदारी डबल या कई गुना होती है जिसको कि हम नजरअंदाज कर जाते हैं और बहुत बार महिलाओं में पुलिस अधिकारी में यह प्रश्न होता है कि आप फील्ड में काम करें आप अपने सहकर्मी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे लेकिन साथ में घर पर जाते ही बर्तन मांजने पड़ेंगे बेडशीट भी बदलनी पड़ती है कपड़े भी धोने के लिए पड़े रहेंगे जो कि एक पुलिस कर्मचारी नहीं करता|
छोटे बच्चे मां को हमेशा ही अनुपस्थित पाकर उसके द्वारा की गई सेवाओं को बहुत गहराई से नहीं ले पाते और जब तक बच्चा बड़ा होकर समझता है तब तक उस मां को जो कि पुलिस अधिकारी है खाकी वर्दी पहनती है बहुत भयानक दर्द से गुजरना पड़ता है आप कभी नजदीक से देखें और महिला पुलिस अधिकारियों को तो यूनिफॉर्म पहन के आपके सामने खड़ी मिलेगी पर उनके पास जाकर जब आप बात करेंगे तो उनके दर्द की इंतहा होती है और इसीलिए मेरा हमारे समाज के हर व्यक्ति से आग्रह है कि हम जब महिला पुलिस अधिकारी से पेश आएं तो हमारे अंदर एक विनम्रता एक सम्मान का भाव और दर्द को समझने की ज्यादा गहराई हो|