ऑनलाइन क्लासेस और छोटे बच्चे

ऑनलाइन क्लासेस  और छोटे बच्चे

 पूरे विश्व में इस वक्त ऑनलाइन क्लासेस चल रही है यह एक ऐसा माध्यम है जो आपको हर परिस्थिति में ज्ञान को प्राप्त करने के पास रखता है आप चाहे  यात्रा कर रहे हो|घर में है मेहमान आ गए हैं या आप कहीं भी हैं एक छोटा सा मोबाइल आपके पास होता है और आप वह सब सुन सब समझ सकते हैं जो आपको आपके शिक्षक पढ़ा रहे हैं| और मजबूरी में ही सही सारे छात्र इसे पढ़ भी रहे हैं शिक्षक अपनी तरफ से पूरा काम कर रहे हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है|

बच्चों में सबसे ज्यादा एक जगह बैठने और एक जगह के काम करने की कमी होती है अटेंशन स्पैन बच्चों का बहुत कम होता है तुरंत एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर जाते हैं और यही कारण है कि ऑनलाइन क्लासेस छोटे बच्चों के लिए इतनी उपयोगी नहीं हो सकती जितनी कि ऑफलाइन क्लास| क्लास में बच्चा टीचर को देखता है उसके इशारे समझता है बोर्ड पर लिखा जा रहा है उसको देख कर लिखने की कोशिश करता है   शब्द बनाना शब्दों की बनावट लिखावट,  आकार सब टीचर को लिखते हुए देखता है और वह क्योंकि बच्चों में  नकल करने की आदत बहुत ज्यादा होती है इसीलिए वह ऑनलाइन क्लास टीचर को देखते हुए वही सब लिखने की कोशिश करते हैं ऑफलाइन क्लास में सबसे बड़ा नुकसान यह है कि जो भी प्रस्तुत करता है बच्चों को दिखाने के लिए वह पहले से ही लिखा हुआ होता है और बच्चे सिर्फ उसको देखकर लिखते हैं तो पूरा समय अक्षरों की बनावट या लिखावट की गई है इस पूरी प्रक्रिया से बच्चा रह जाता है

 क्योंकि बच्चे घर में बैठ कर क्या कर रहे हैं इसलिए घर के सारे कामों से बच्चों को सरोकार होता है और वह अपने काम को इतना ध्यान से नहीं कर पाते हैं जितना की क्लास रूम में बैठकर |अगर बच्चों की बात की जाए या कॉलेज में है उनमें भी इसी तरह की परेशानी देखने को मिलती है  क्लास में लॉगिन हो गए उसके बाद वॉल्यूम कम को कहीं रख दिया जब क्लास खत्म हुई तो आप आखिर में लॉग आउट| इस पूरे प्रोसेस में काम किए लॉगइन ओर लॉगआउट लेकिन इस बीच में टीचर ने क्या पढ़ाया क्या समझाया था आपको सवाल पूछना था क्या विचार विमर्श करना था ऑनलाइन क्लासेस इतनी प्रभावी कभी नहीं हो सकती जितना कि ऑफलाइन |बचाएगाऑफलाइन में आपका पूरा अटेंशन स्पैन पूरा समय अब उस काम को देते हैं जिसके लिए आप स्कूल जाते हैं या कॉलेज में आते हैं और सबसे बड़ा नुकसान उन छोटे बच्चों को हुआ जो तीसरी 3 या 4 साल के हैं जबकि बच्चा अक्षर बनाना सीखना है अक्षरों को पहचानना सीखता है और उसमें रंग भरना सीखता है और जब यही सारी चीजें बच्चे मिस कर जाते हैं तो आगे बढ़ कर उनके आगे चलकर उनके लिए सुंदर हैंडराइटिंग में लिखना या सही तरह से पढ़ना गणित के प्रश्नों को नहीं समझना मुश्किल होगा

लेकिन लेकिन आज की परिस्थिति को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा की वजह से ऑनलाइन क्लास का माध्यम भी एक नया माध्यम है लेकिन इससे एक फायदा यह हुआ कि बच्चे टेक्नोलॉजी के पास आ गए और जो गांव में छोटे गांव में जो बच्चे हैं क्योंकि आज तक इन सब चीजों से दूर रहते थे उन्हें भी उस टेक्नोलॉजी के पास आने का मौका मिला जो कि एक नया क्रांति का आगाज देगा आने वाले भारत के भविष्य में|

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Dr. Anju Gurawa

Being a girl from the most backward district {Chittorgarh} from Rajasthan I was always discouraged to go for higher education but my father Late Mr B. L. Gurawa who himself was a principal in the senior Secondary insisted for higher studies and was very keen to get his children specially girls to get education.

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