अनिल चौधरी दिल्ली सरकार के महारथी के किलाफ खड़े रहते है चुनाव लड़ते है ।।एक अच्छे वक्ता है लोग आप की बात सुनते ही ।आप का जोश है ।जुनून है जो लोगो को पसन्द आता है ।आप हार जीत से ऊपर है।भारतीय राजनीती के आप महत्वपूर्ण व्यक्ति है।ऐसा लोग मानते है ।आप संकट मोचन भी कहे जा सकते है। आप को बात बनानी नही पड़ती आप की बात सीधे दिल से निकलती है। आप हिरसात मे भी जाते है यह हिरासत नही आज़ादी का एलान है।
सब को काम सब का सम्मान ।मुजे लोगो तक पहुचना है ये कहते भी है करते भी है।इस से पहले की लोग मुज तक पहुच।लोगो का दुख बाटने आप तुरन्त पहुचते है।आप नेता कम कार्यकर्ता ज्यादा लगते है।युवा नेतृव है साफ दिमाग है रूडी वादी नही नई परम्परा बन जाती है जब आप काम करते है तो। सब की सुनता है बिना कोई दुर्भाव रखे आगे की सोच कर काम कर जाता है।सवाल कड़वे हो या सीधे जवान वही तमीज़दार ।एक बात साफ है ।आप की बात में एक बात सच्चयी है साफ सफाई है आप लोगो की बीच मे है दिखते है ।काम करते है । ओर अपने इलाके को जानते है ।सुनते नही है जानते ही है। क्या आप को उस छोटे बच्चे के मन की पीडा भी मॉलम है जी हां ।जो एक साफ सुथरे बिस्तर पर शांति से सोचना चाहता है और दुपहरी में एक समोसा नही बहुत सादा घर का बना दाल चावल चाहता है ।
आप का जनसैलाब है लोग आप को मानते है आप के कपड़े पहनने का अंदाज अच्छा साफसुथरे टाईडी।एक नेता एक आम आदमी।एक जिम में जा ने वाला नोजवान।एक खेत मे काम करने वाला किसान ।एक माँ का बेटा।एक बड़ा भाई।एक साथी।एक युवा।एक अच्छा खिलाड़ी।एक कुशल वक्ता।अच्छे वक्ता है एक माँ का बेटा बहन का भाई दोस्त । सारे नियम तोड़ दो यह भी करते है जब लोगो के हक की बात आती है तब। दिल्ली प्रेदश कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद पर बहुत सोच समजकर चुने गये। युवा है झुजरु है लोगो तक पहुच रखते है काम कर्तव्य को निभाते है युवा साथियॉ का भरोसा उन पर है और सब से बड़ी बात एकात्म रूप से काम कर के कभी दिखाने में विश्वास नही रखते।उनके काम का तरीका जो कि सीधे लोगो तक पहुचना लोगो के बीच मे रहना लोगो को है हर समय मदद करना और महिलओं बच्चो समाज के हर तबके के लिए काम करना।लोगो के दिलो में राज करना है। कई बार आप ने देखा होगा कि लोग किसी व्यक्ति की पद प्रतिष्ठा के बिना भी उसको दिलो से प्यार करते है लोगो से उनके संबंध बहुत गहरे होते है और किसी भी एलक्शन के परिणाम को देखे बिना वो व्यक्ति बहुत प्रभाव रखता है इलाके में ।आप का पद क्या है यह माने नही रखता आप लोगो के दिलो पर अपने काम से राज़ करते है ऐसा लोग कहते है । अनिल चौधरी लोगो को करीब से जनाते है लोग उनके साथ जुड़े है और हमेशा के लिए साथ चलने को तैयार है। राजनीतिक हार या जीत तो बस कुछ समय की होती है।अक्र्सर लोग रिस्तो को हार या जीत से जोड़ लेते है या कुछ छुटभैया लोग कुछ समय की कामयाबी को ही सब कुछ समझ लेते है अनिल जी ने अपने वयवहार से एक अनवरत काम का सिलसिला शुरू किया जो हार जीत या किसी भी पद की मोहताज नही। अनिल जी मानते है कि राजनीति में उन लोगो को आना चाहिए जिनके निजी जीवन मे साफ सफाई जो जो खुद किसी तरह की गफ़लत में लगे है वो किस को क्या सिखाएंगे। अनिल चौधरी की 2008 की जीत बड़ी मजेदार रही पर तु उस जीत से अनिल चौधरी के काम करने का भाव ओर पुख्ता हुवा ना कि जीत या हार को डिसकस करने का। बारहवीं क्लास में कॉंग्रेस को जॉइन किया ।दयाल सिंग कॉलेज से अध्य्क्ष फिरएन एस यु आयी के अध्यक्ष।फिर युथ कॉंग्रेस के अध्य्क्ष।अब प्रेदेश अध्यक्ष। ऊपर से लेंडिंग नही हुई पैदल चल कर आये है।